Defence Attaches To New Countries: भारत पिछले कुछ साल से दुनिया के अलग-अलग देशों से संबंधों को मजबूत बनाने में लगा है. भारत की यह कोशिश सिर्फ अमेरिका, फ्रांस और रूस जैसे बड़े देशों के साथ ही नहीं, बल्कि छोटे-छोटे देशों के साथ भी है. इसी कड़ी में अब इंडिया अफ्रीकी देशों से बेहतर संबंध बनाने की ओर अग्रसर है.


सरकारी सूत्रों के मुताबिक, बुधवार (10 अप्रैल, 2024) से भारत ने कई अफ्रीकी देशों में सैन्य के साथ-साथ रक्षा राजनयिक की भी तैनाती की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसके तहत सेना, नौसेना और वायु सेना से 15-16 नए अटैचीज (Attaches) लिए गए हैं. अटैचीज का मतलब किसी दूतावास या विरासत से जुड़े एक राजनयिक अधिकारी से होता है जो विशेष रूप से तकनीकी और अन्य क्षमताओं में दक्ष होता है. विदेश मंत्रालय की दुनिया भर में 26 नए मिशन स्थापित करने की योजना के तहत 18 अफ्रीकी देशों में स्थापित किए जा रहे हैं.


इन देशों में होने जा रही है तैनाती


जानकारी के मुताबिक, इन सैन्य और रक्षा राजनयिकों की तैनाती अब पोलैंड, आर्मेनिया, तंजानिया, मोज़ाम्बिक, जिबूती, इथियोपिया, आइवरी कोस्ट और फिलीपींस जैसे देशों में होगी. इन देशों में तैनाती के लिए भारत रूस, ब्रिटेन और फ्रांस में बड़े मिशनों पर तैनात सैन्य अधिकारियों की संख्या में भी कटौती कर रहा है. सूत्रों की मानें तो अगले चरण में विभिन्न देशों में 10 नए रक्षा विंग नए सिरे से बनाए जाएंगे. भारत की तरफ से जिन देशों को हथियार निर्यात किए जा सकते हैं, उन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. 


भारत की इस पहल के पीछे ये भी है वजह


भारत अपने राजनयिक संबंधों के साथ-साथ चीन की नीति को चुनौती देने के लिए भी इस पर काम कर रहा है. दरअसल, अफ्रीकी देशों में चीन ने बड़ी रणनीतिक घुसपैठ कर चुका है. इसके अलावा दक्षिण चीन सागर समेत हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के आक्रामक व्यवहार को देखते हुए भारत भी आसियान देशों के साथ सैन्य संबंध लगातार बढ़ा रहा है. इसके चलते जनवरी 2022 में फिलीपींस के साथ ब्रह्मोस मिसाइलों की तीन एंटी-शिप तटीय बैटरियों के लिए 375 मिलियन डॉलर का कॉन्ट्रैक्ट किया गया. एक्सपर्ट का कहना है कि ऐसे में चीन को टक्कर देने और उसकी हर चाल को मात देने के लिए भी भारत अफ्रीकी देशों में अब मौजूदगी बढ़ाने पर काम कर रहा है.


संबंध मजबूत बनाने के साथ हथियारों के निर्यात पर भी जोर


अफ्रीकी देशों के साथ चल रहे युद्ध अभ्यास, सैन्य आदान-प्रदान और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के अलावा भारत अब स्वदेशी तेजस लड़ाकू विमानों, पिनाका मल्टी-लॉन्च रॉकेट सिस्टम, ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों और आकाश वायु रक्षा मिसाइल प्रणालियों को अफ्रीकी देशों में निर्यात करने की कोशिश कर रहा है. भारत फिलीपींस, नाइजीरिया, अर्जेंटीना और मिस्र जैसे देशों को एकल इंजन वाले तेजस लड़ाकू विमान का निर्यात करने की भी कोशिश कर रहा है.


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