विदेश मंत्रालय की दो टूक, सीमा पर शांति के लिए चीन गंभीरता से काम करे
विदेश मंत्रालय ने कहा कि बीते चार महीने में हमने जो हालात देखें है वो सीधे तौर पर चीन की गतिविधियों का नतीजा है.
नई दिल्ली: चीन के जारी तनाव के बीच विदेश मंत्रालय ने कहा कि आगे का रास्ता कूटनीतिक और सैन्य वार्ता है. हम शांतिपूर्ण वार्ता के माध्यम से सभी मुद्दों को हल करने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध हैं. हम मजबूती के साथ चीन से ये कहना चाहते हैं कि वह डिसइंगेजमेंट और डी-एस्केलेशन के जरिए सीमा पर शांति बहाल करने के लिए पूरी गंभीरता के साथ काम करे. जिम्मेदाराना तरीके से स्थिति को संभाला जाना चाहिए.
बीते चार महीने के हालात चीन की गतिविधियों का नतीजा- विदेश मंत्रालय
पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा विवाद पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह स्पष्ट है कि बीते चार महीने में हमने जो हालात देखे हैं वे प्रत्यक्ष रूप से चीनी पक्ष की गतिविधियों का नतीजा हैं. चीन की गतिविधियों का मकसद यथास्थिति में एकतरफा बदलाव करना है.
सेना प्रमुख ने लद्दाख का दो दिवसीय दौरा शुरू किया
उधर सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने गुरुवार को लद्दाख का दो दिवसीय दौरा शुरू किया. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पेगोंग झील के दक्षिणी तट के आस-पास यथास्थिति को बदलने के चीन के हालिया प्रयासों के मद्देनजर क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति की व्यापक समीक्षा करने के मकसद से सेना प्रमुख का यह दौरा हो रहा है. उन्होंने बताया कि क्षेत्र में सैनिकों की तैनाती का निरीक्षण कर रहे सेना के शीर्ष कमांडर जनरल नरवणे को उत्पन्न हुई स्थिति के साथ ही क्षेत्र में मुकाबले की भारत की तैयारी से अवगत कराएंगे.
एक सूत्र ने कहा, “लद्दाख क्षेत्र में सामरिक तैयारियों की समीक्षा के लिए चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ लेह के दो दिवसीय दौरे पर हैं.” पेगोंग झील इलाके में उस वक्त तनाव बढ़ गया था जब चीन ने झील के दक्षिणी तट में कुछ इलाकों पर कब्जा करने का असफल प्रयास किया जिसके बाद भारत ने संवेदनशील क्षेत्र में अतिरिक्त सैनिक एवं हथियार भेजे.
भारतीय सेना ने सोमवार को कहा कि चीनी सेना ने 29 और 30 अगस्त की दरम्यानी रात को पेगोंग झील के दक्षिणी तट पर एकतरफा तरीके से यथास्थिति बदलने की उकसाने वाली सैन्य गतिविधियां की लेकिन भारतीय सैनिकों ने उसके प्रयास को असफल कर दिया.