Maldives Fire: मालदीव (Maldives) की राजधानी माले में हुए अग्निकांड (Male Fire) को लेकर विदेश मंत्रालय (MEA) की ओर से बयान आया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची (Arindam Bagchi) ने गुरुवार (10 नवंबर) को कहा कि मालदीव की राजधानी माले में हुई दर्दनाक घटना की हमें जानकारी है. सूचनाओं के मुताबिक आग लगने की यह घटना कल एक रिहायशी इमारत में हुई जहां विदेशी कामगार रह रहे थे. इस घटना में कुछ भारतीयों के भी मारे जाने की खबर है. भारतीय उच्चायोग से मिली जानकारी के मुताबिक स्थानीय एडमिनिस्ट्रेशन ने 10 शव बरामद किए हैं. उनकी पहचान का काम चल रहा है.
इस मामले पर भारतीय उच्चायोग मालदीव अथॉरिटी के साथ लगातार संपर्क में है और प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता मुहैया कराने के लिए तैयार है. इस कड़ी में एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है. यह एक बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने आगे कहा कि जब तक मृतकों की पहचान कंफर्म नहीं हो जाती तब तक हम उनमें भारतीयों की संख्या को लेकर फिलहाल कुछ नहीं कहना चाहते. इसके लिए हम भारतीय उच्चायोग की तरफ से आने वाली रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं. दुर्घटना को लेकर मालदीव सरकार ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं. उसकी रिपोर्ट के बाद ही इस घटना के कारणों का पता लग सकेगा.
कतर में पकड़े गए भारतीय नौसेना के पूर्व कर्मियों को लेकर यह कहा
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि यह पहले ही कहा जा चुका है कि हम इस मामले को लगातार फॉलो कर रहे हैं. दोहा में भारतीय दूतावास इस विषय पर लगातार कतर के अधिकारियों के साथ संपर्क में है. कतर की तरफ से एक कॉन्सुलर मुलाकात मुहैया कराई गई थी. हम दूसरे कॉन्सुलर संपर्क के लिए प्रयासरत हैं. साथ ही परिवार जनों की कतर में अपने लोगों से मुलाकात हो सके, इसके लिए भी हमारी कोशिश हो रही है.
कनाडा में भारत विरोधी तत्वों की कथित रेफरेंडम कवायद
अरिंदम बागची ने कहा कि भारत ने कई बार कथित रेफरेंडम की कवायद पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई है, जो एक राजनीति से प्रेरित करवाई है, जिसे चरमपंथी चला रहे हैं. भारत ने इस बारे में अपना ऐतराज कनाडा सरकार को नई दिल्ली और कनाडा में दर्ज करा दिया है. हम इस विषय को कनाडा सरकार के साथ उठाते रहेंगे.
कीनिया में लापता लोगों का मामला
कीनिया में लापता मोहम्मद जाईद समी किदवई और जुल्फिकार अहमद खान के मामले में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारतीय जांचकर्ताओं की टीम 1-3 नवम्बर तक नैरोबी में थी. उन्होंने कीनिया के पब्लिक प्रोसिक्यूशन और पब्लिक इंवेस्टिगेशन विभाग के लोगों से मुलाकात की थी. भारत ने इस मामले में फोरेंसिक और डीएनए एनालिसिस समेत जांच में हर संभव मदद का भरोसा दिया है. हम लगातार इस केस को फॉलो कर रहे हैं और परिवार के साथ भी संपर्क में हैं. हम उम्मीद करते हैं कि वो जीवित हों. इसको लेकर किसी तरह का कयास लगाना ठीक नहीं है. हम आशा करते हैं कि प्रगति होगी इसमें.
इक्विटोरियल गिनी में पकड़े गए भारतीय शिप क्रू मैंबर
प्रवक्ता ने कहा कि इक्विटोरियल गिनी एक कौंसलर मामला है. हमारी जानकारी के मुताबिक करीब 16 भारतीय हैं, हालांकि कौंसलर मामलों में सटीक संख्या के बारे में हम कुछ कह नहीं सकते. मलाबो और अबूजा में सरकारी अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हैं. इन नाविकों के साथ भी हम लगातार बातचीत कर रहे हैं. हम उन्हें हर जरूरी कौंसलर मदद उपलब्ध करा रहे हैं.
चीनी जहाज युआन वांग-6 की हिन्द महासागर में मौजूदगी
अरिंदम बागची ने कहा कि भारत की सुरक्षा के लिए जो भी जरूरी कदम उठाने होते हैं, वो उठाए जाते हैं. आर्थिक अपराधियों और भगोड़ों पर प्रतिक्रिया देते हुए बागची ने कहा कि नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के खिलाफ दाखिल याचिका को ब्रिटेन की अदालत ने जैसे खारिज किया, उसका हम स्वागत करते हैं. हम कोशिश कर रहे है कि जल्दी से जल्दी उनको वापस लाया जा सके. भारत अपने आर्थिक अपराध के भगोड़ों को वापस लाने के लिए प्रयास लगातार करता रहा है ताकि भारतीय न्याय का वो सामना कर सकें. उन्होंने कहा कि भारत में वांछित संजय भंडारी के प्रत्यर्पण के हक में आए अदालत के फैसले का भी हम स्वागत करेंगे.