'जो लोग यहां वांटेड हैं...', गुरपतवंत सिंह पन्नू की धमकियों और पाकिस्तानी आतंकी की हत्या पर विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?
MEA Remarks: आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कथित तौर पर भारत की संसद पर हमला करने की धमकी दी है. विदेश मंत्रालय ने पन्नू की धमकी और पाक आतंकियों की हत्या के मामले पर प्रतिक्रिया दी है.
MEA On Gurpatwant Singh Pannu: आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की धमकियों और पाकिस्तानी आतंकियों की हत्या के मामले पर विदेश मंत्रालय ने गुरुवार (7 दिसंबर) को कहा कि भारत चाहेगा कि दो लोग यहां वांटेड (वांछित) हैं, उन्हें देश की कानून व्यवस्था का सामना करना पड़े.
आतंकी पन्नू की ओर से हाल में दी गई धमकियों पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्त अरिंदम बागची ने कहा कि कनाडा और अमेरिका के अधिकारियों को इस मामले से अवगत कराया गया है.
कानूनी प्रणाली का सामने करें वांटेड- विदेश मंत्रालय
बागची ने कहा, ''जो लोग आपराधिक और आतंकी गतिविधियों के कारण भारत में वांटेड हैं, हम चाहेंगे कि वे भारत आएं और हमारी कानूनी प्रणाली का सामना करें लेकिन मैं पाकिस्तान में हो रहे घटनाक्रम पर टिप्पणी नहीं कर सकता.''
अमेरिका आधारित गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कथित तौर पर भारत की संसद पर हमला करने की धमकी दी है. इस पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि सरकार इन खतरों को गंभीरता से लेती है.
चरमपंथियों-आतंकियों की प्रवृत्ति मीडिया कवरेज पाने की होती है- MEA
अरिंदम बागची ने कहा, ''हम धमकियों को गंभीरता से लेते है... मैं उन चरमपंथियों को ज्यादा भाव नहीं देना चाहता जो धमकियां देते हैं और बहुत ज्यादा कवरेज प्राप्त करते हैं. हमने इस मामले को अमेरिकी और कनाडाई अधिकारियों के सामने उठाया है. चरमपंथियों और आतंकियों की प्रवृत्ति किसी मुद्दे पर मीडिया कवरेज पाने की होती है.''
और क्या बोले अरिंदम बागची?
एचटी की रिपोर्ट के मुताबिक प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, ''वह (पन्नू) कानून के उल्लंघन के लिए वांटेड है और एक प्रक्रिया है जिसके तहत हम सहायता मांगते हैं और मुकदमा चलाया जाता है, यह इस पर निर्भर करता है कि अपराध किया गया है या नहीं. हमारे मामले में मुझे लगता है कि अनुरोधों में विस्तार से बताया गया है कि वह भारत में किस तरह के अपराधों के लिए जिम्मेदार है... हमने भारत या भारतीय राजनयिकों के खिलाफ चरमपंथियों या आतंकियों के किसी भी खतरे के बारे में चिंताओं को अपने सहयोगियों को बताया है.''
बता दें विदेश मंत्रालय की ये टिप्पणी ऐसे समय आई है जब हाल में ही अमेरिका ने एक सिख अलगाववादी नेता की हत्या की साजिश के मामले से भारत को अवगत कराया था. वहीं, इस हफ्ते की शुरुआत में पाकिस्तान के कराची में अज्ञात हमलावरों ने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के एक कमांडर अदनान अहमद की हत्या कर दी थी. आतंकी को आईएसआई की ओर से सुरक्षा प्राप्त थी.
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