Bangladesh Request To India: बांग्लादेश में तख्तापलट के कई महीनों को बाद आखिरकार मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने भारत से शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग कर दी है. बांग्लादेश ने इसके लिए भारत को चिट्ठी भी लिखी है, जिसका रिएक्शन भी भारत ने दे दिया है. भारत ने कहा है- 'नो कमेंट'. भारतीय विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इसका खुलासा किया और कहा कि फिलहाल नई दिल्ली के पास इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं है.
एमईए के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा, "हम पुष्टि करते हैं कि हमें प्रत्यर्पण अनुरोध के संबंध में आज बांग्लादेश उच्चायोग से एक नोट वर्बल मिला है. फिलहाल हमारे पास इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं है."
शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद मोहम्मद यूनुस ने संभाली कमान
शेख हसीना 5 अगस्त, 2024 को बड़े पैमाने पर हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद बांग्लादेश से भारत आ गईं थीं. फिलहाल वह बांग्लादेश में हुई हिंसा और मौतों को लेकर कई अदालती मामलों का सामना कर रही हैं. शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार बनी. इसके बाद बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर खूब अत्याचार हुए. इसके चलते भारत और बांग्लादेश के बीच रिश्ते बिगड़ गए हैं.
गिरफ्तार किए जा रहे शेख हसीना के करीबी
गौर करने वाली बात ये है कि शेख हसीना और उनके करीबी यहयोगी पहले से ही ढाका स्थित अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण की ओर से गिरफ्तारी वारंट का सामना कर रहे हैं और यूनुस सरकार ने उनकी गिरफ्तारी के लिए आंतरिक पुलिस संगठन इंटरपोल से मदद मांगी है.
बांग्लादेश के गृह सलाहकार ने भारत को भेजी चिट्टी
इससे पहले सोमवार (23 दिसंबर, 2024) को बांग्लादेश के गृह सलाहकार जहांगीर आलम ने कहा कि उनके कार्यालय ने अपदस्थ प्रधानमंत्री के भारत से प्रत्यर्पण की सुविधा के लिए विदेश मंत्रालय को एक चिट्ठी भेजा है. वह बोले, "हमने उनके प्रत्यर्पण के संबंध में विदेश मंत्रालय को एक पत्र भेजा है. प्रक्रिया अभी चल रही है." आलम ने कहा कि ढाका और नई दिल्ली के बीच प्रत्यर्पण संधि पहले से ही मौजूद है और इसके तहत हसीना को बांग्लादेश वापस लाया जा सकता है."
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