नई दिल्ली: भारत-चीन सीमा पर शांति स्थापित करने की कवायद में डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया शुरू है. चीन के सैनिक पीछे हट रहे हैं. इस बीच भारत-चीन सीमा के मुद्दे पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हम डिसइंगेजमेंट पर सहमत हुए हैं क्योंकि सैनिक एक दूसरे के बहुत निकट तैनात हैं. डिसइंगेजमेंट और डी-एस्केलेशन प्रक्रिया पर सहमति हुई है और यह अभी शुरू हुई है. यह काम बहुत प्रगति पर है. इंडिया ग्लोबल वीक 2020 कार्यक्रम में उन्होंने ये बात कही.


इसके साथ ही उन्होंने कहा, ''बहुत सारे रुझान जो हमने कोरोना वायरस से पहले देखे थे, वे कोरोना के बाद तेजी ला सकते हैं. यहां तक कि प्रतिक्रिया में, छह महीने में, उदाहरण के लिए, हमने बहुत से देशों को अधिक राष्ट्रवादी व्यवहार करते देखा है.’’


विदेश मंत्री ने आगे कहा, ''मैं एक ऐसी दुनिया देख रहा हूं, जहां बहसें तेज होंगी. मुझे लगता है कि विश्वास के मुद्दे होंगे जो उठाए गए हैं. लचीली आपूर्ति श्रृंखला पर सवाल होंगे. यह एक और कठिन दुनिया होने जा रही है.’’


अमेरिका के साथ संबंधों पर क्या बोले एस जयशंकर?


विदेश मंत्री ने कहा कि पिछले चार अमेरिकी राष्ट्रपतियों डॉनल्ड ट्रम्प, बराक ओबामा, जॉर्ज बुश और बिल क्लिंटन के बारे में सोचें. आप सहमत होंगे कि दुनिया में ऐसे चार लोग नहीं मिल सकते हैं जिनमें इतनी कम समानताएं हो. फिर भी एक बात जिस पर वे सहमत थे वो भारत का महत्व है और उस संबंध को मजबूत करने की जरूरत है. उन्होंने कहा, ''हो सकता है कि इसमें से कुछ हमारा आकर्षण हो लेकिन मुझे लगता है कि यह भी उनकी सोच है. हमारे पास यूनाइटेड स्टेट के साथ एक बहुत मजबूत राजनीतिक, रणनीतिक, सुरक्षा, प्रौद्योगिकी और आर्थिक संबंध हैं.’’


नेपाल: पीएम ओली के सामने कुर्सी बचाने की चुनौती, कहा- पार्टी के भीतर के विवादों को बातचीत से सुलझाया जा सकता है