मणिपुर पर EU में चर्चा को लेकर भारत की तीखी टिप्पणी, 'आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप अस्वीकार्य, औपनिवेशिक मानसिकता...'
Manipur Violence: यूरोपीय संसद ने मणिपुर की स्थिति पर चर्चा के बाद गुरुवार को एक प्रस्ताव पारित किया है. भारत ने इसपर कड़ी आपत्ति जताई है.
![मणिपुर पर EU में चर्चा को लेकर भारत की तीखी टिप्पणी, 'आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप अस्वीकार्य, औपनिवेशिक मानसिकता...' MEA said interference in India internal affairs is unacceptable after European Parliament held discussion on Manipur Violence मणिपुर पर EU में चर्चा को लेकर भारत की तीखी टिप्पणी, 'आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप अस्वीकार्य, औपनिवेशिक मानसिकता...'](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/07/13/68adcc38ed8066f3154c064cf30c0f211689267766381432_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Manipur Violence European Parliament: यूरोपीय संसद (EU) में मणिपुर की स्थिति पर हुई चर्चा पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. भारत ने कहा कि ये पूरी तरह से हमारा आंतरिक मामला है. विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार (13 जुलाई) को ट्वीट किया कि हमने देखा है कि यूरोपीय संसद ने मणिपुर पर चर्चा की और एक तथाकथित अत्यावश्यक प्रस्ताव अपनाया.
अरिंदम बागची ने कहा कि भारत के आंतरिक मामलों में इस तरह का हस्तक्षेप अस्वीकार्य है और औपनिवेशिक मानसिकता को दर्शाता है. न्यायपालिका सहित सभी स्तरों पर भारतीय अधिकारी मणिपुर की स्थिति से अवगत हैं और शांति और सद्भाव व कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कदम उठा रहे हैं.
यूरोपीय संसद को दी ये सलाह
उन्होंने कहा कि यूरोपीय संसद को सलाह दी जाएगी कि वह अपने समय का उपयोग अपने आंतरिक मुद्दों पर ध्यान देने के लिए करे. मणिपुर में करीब दो महीनों से हिंसक संघर्ष की घटनाएं सामने आई हैं. विपक्षी दलों ने सरकार पर इसे नियंत्रित करने में विफल रहने का आरोप लगाया है.
Our response to media queries on the European Parliament discussing developments in Manipur:https://t.co/6jD1FE85Ns pic.twitter.com/6jqlDzoLs1
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) July 13, 2023
मणिपुर पर एक प्रस्ताव किया पारित
इसी बीच यूरोपीय संसद ने मणिपुर पर एक प्रस्ताव पारित किया और भारत सरकार से हिंसा को रोकने और धार्मिक अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए तुरंत कार्रवाई करने का आह्वान किया. बुधवार शाम को इस मुद्दे पर बहस के बाद गुरुवार को ये प्रस्ताव पारित किया गया.
यूरोपीय संसद ने क्या कहा?
यूरोपीय संसद ने अपने प्रस्ताव में भारत सरकार से आगे किसी भी तनाव को बढ़ने से रोकने के लिए कहा है. इसमें अधिकारियों से पत्रकारों और अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों को क्षेत्र में जाने और इंटरनेट बैन को खत्म करने का भी आह्वान किया गया है. भारत ने इसपर साफ कहा है कि ये पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला है.
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