Hajj Death: सऊदी अरब के मक्का शहर में भीषण गर्मी की वजह से एक हजार से ज्यादा हज यात्रियों की मौत हो चुकी है, जिसमें भारतीय नागरिक भी शामिल हैं. ये लोग कुछ समय पहले हज के लिए अलग-अलग शहरों से रवाना हुए थे. विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार (21 जून) को बताया कि इस साल हज यात्रा के दौरान प्राकृतिक कारणों, वृद्धावस्था और बीमारी के कारण कम से कम 98 भारतीय नागरिकों की मृत्यु हो गई.
इस साल करीब 1,75,000 भारतीयों ने हज यात्रा की. मृतकों में दुर्घटना में मारे गए चार लोग भी शामिल हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "इस साल, हमारे 175,000 भारतीय हज पर जा चुके हैं. अब तक हमने अपने 98 नागरिकों को खो दिया है. ये मौतें प्राकृतिक बीमारी, प्राकृतिक कारणों, पुरानी बीमारी और बुढ़ापे के कारण हुई हैं. अराफात के दिन, छह भारतीयों की मौत हो गई. चार भारतीयों की मौत दुर्घटनाओं के कारण हुई. पिछले साल, हज में मरने वाले भारतीयों की संख्या 187 थी."
अब तक 1081 मौतें, सऊदी अरब कर रहा संकट का सामना
एएफपी के मुताबिक, लगभग 10 देशों में हज के दौरान 1,081 मौतें हुई हैं. हज इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है, जिसे साधन संपन्न सभी मुसलमानों को कम से कम एक बार अवश्य करना होता है. हज यात्रा का समय इस्लामी कैलेंडर के मुताबिक निर्धारित होता है. ये यात्रा ऐसे समय में हुई जब सऊदी अरब को भारी संकट का सामना करना पड़ रहा है.
हाजी किस हाल में रह रहे?
वहीं, बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, हज करने के लिए कई देशों के नागरिक सऊदी अरब पहुंचे हैं लेकिन सबसे बुरा हाल भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के नागरिकों का हुआ है. एक नागरिक ने बताया, “हमारे साथ जानवरों जैसा बर्ताव किया गया. एक तंबू में 800 से भी ज्यादा लोगों को रखा गया. भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के नागरिकों को जहां जगह दी गई थी वो पहाड़ों के बीच गहराई में थी और लोगों का दम घुट रहा था. इन लोगों को बहुत कम वॉशरूम दिए गए. हालात ये थे कि कुछ लोगों को वॉशरूम के बाहर ही सोना पड़ा.”
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