(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग की रिपोर्ट पर भारत की तीखी प्रतिक्रिया, कहा- 'बेहतर होगा कि...'
India On USCIRF: विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हम यूएससीआईआरएफ से ऐसे प्रयासों से दूर रहने और भारत के बारे में बेहतर समझ विकसित करने का आग्रह करेंगे.
India On USCIRF Annual Report: अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग की सालाना रिपोर्ट में भारत पर की गई टिप्पणियों पर विदेश मंत्रालय ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. भारत ने इसे दुर्भावना से प्रेरित बताया है. विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने मंगलवार (2 मई) को कहा कि इस तरह की तथ्यहीन बातें USCIRF की विश्वसनीयता को ही सवालों के घेरे में लाती हैं.
उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग (USCIRF) ने इस बार अपनी 2023 की वार्षिक रिपोर्ट में भारत के बारे में पक्षपातपूर्ण और प्रेरित टिप्पणियों को जारी रखा है. हम तथ्यों की ऐसी गलत बयानी को खारिज करते हैं, जो केवल USCIRF को बदनाम करने का काम करता है. बेहतर होगा कि USCIRF भारत के बारे में बेहतर समझ विकसित करे और समझे कि हम लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर काम करते हैं.
रिपोर्ट में क्या कहा गया?
धार्मिक स्वतंत्रता पर अपनी वार्षिक रिपोर्ट में, USCIRF ने अमेरिकी विदेश विभाग से कई अन्य देशों के साथ-साथ धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति पर भारत को 'विशेष चिंता वाले देश' के रूप में नामित करने के लिए कहा. USCIRF 2020 से विदेश विभाग को इसी तरह की सिफारिशें कर रहा है, जिन्हें स्वीकार नहीं किया गया है. USCIRF की सिफारिशें विदेश विभाग के लिए अनिवार्य नहीं हैं. यूएससीआईआरएफ ने अपनी ताजा रिपोर्ट में आरोप लगाया कि 2022 में भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति लगातार खराब होती गई.
बाइडेन प्रशासन से किया ये आग्रह
अमेरिकी आयोग ने बाइडेन प्रशासन से भारत सरकार की एजेंसियों और देश में धार्मिक स्वतंत्रता के "गंभीर उल्लंघन" के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की संपत्तियों को फ्रीज करके उन पर प्रतिबंध लगाने का भी आग्रह किया है. इसने यह भी सिफारिश की कि कांग्रेस अमेरिका-भारत द्विपक्षीय बैठकों के दौरान धार्मिक स्वतंत्रता का मुद्दा उठाए और इस पर सुनवाई करे.
भारत ने की आलोचना
यूएससीआईआरएफ 1998 के अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम की ओर से स्थापित एक स्वतंत्र, अमेरिकी संघीय सरकारी आयोग है. इसका काम दुनिया भर में धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन की निगरानी, रिपोर्ट करना और अमेरिकी सरकार को नीतिगत सिफारिशें करना है. हालांकि, भारत की ओर से इसकी हालिया टिप्पणियों की आलोचना की गई है.
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