India On Pakistan: भारत ने पाकिस्तान (Pakistan) की जेल में बंद भारतीय कैदियों की मौत को लेकर चिंता जताते हुए दूसरे हिंदुस्तानी लोगों को रिहा करने की मांग की है. शुक्रवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि पिछले 9 महीने में पाकिस्तान की हिरासत में 6 भारतीय लोगों की जान गई जिसमें से 5 मछुआरे थे. चिंताजनक ये है कि इन सभी 6 लोगों ने अपनी सजा पूरी कर ली थी, लेकिन हमारी अपील के बाद भी इनकी देश वापसी नहीं हुई और उन्हें गैरकानूनी ढंग से हिरासत में रखा गया.
बागची ने कहा, ''भारतीय कैदियों की पाकिस्तान में कैद के दौरान मृत्यु के बढ़ते मामले चिंता का विषय है. भारतीय कैदियों की सुरक्षा का मुद्दा इस्लामाबाद में हमारे हाई कमीशन द्वारा बार-बार उठाया गया है. पाकिस्तान सरकार से अपील है कि सभी हिंदुस्तानी कैदियों को तुरंत रिहा करके भारत भेजे.''
उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद को लेकर कहा कि अभी भी कुछ काम रह गया है. इसके अलावा यह भी बताया गया कि म्यांमार में फंसे भारतीयों को निकालने की कोशिश हो रही है.
चीन और म्यांमार को लेकर क्या कहा?
प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया, 'एलएसी पर डिसइंगेजमेंट के जो कदम जरूरी हैं, अभी उस स्थिति तक नहीं पहुंचे हैं. ऐसा कहना सही नहीं होगा कि स्थिति सामान्य है. कुछ सकारात्मक कदम हुए हैं, लेकिन कुछ कदम अभी बचे हैं.' साथ ही उन्होंने कहा कि म्यांमार में फंसे लगभग 50 लोगों को निकाल लिया गया है. कुछ लोग वहां की पुलिस के पास हैं क्योंकि वे अवैध तरीके से वहां गए थे. हम उन्हें वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं. इसके अलावा कुछ और लोग अभी भी बंदी हैं जिन्हें निकालने का प्रयास किया जा रहा है.
अमेरिका ने क्या स्पीष्टकरण दिया?
प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि अमेरिकी राजदूत डोनाल्ड ब्लोम के हाल ही में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के दौरे को लेकर अमेरिका को अपनी आपत्ति बता दी है. पाकिस्तान को F-16 की मदद देने को लेकर अमेरिका ने स्पीष्टीकरण दिया है, लेकिन हमारा मत पहले वाला ही है.
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