PM Modi Pakistan Visit Invitation: पाकिस्तान ने SCO समिट के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निमंत्रण भेजा है. भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में तनाव के बीच सबके मन में यही सवाल उठ रहा है कि क्या पीएम मोदी SCO समिट में शामिल होने इस्लामाबाद जाएंगे. हालांकि, अब इस पर विदेश मंत्रालय ने अपना जवाब दे दिया है. 


विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, पाकिस्तान की ओर से हमें SCO समिट का निमंत्रण मिला है. हालांकि, अभी हमें इस पर कोई अपडेट नहीं मिला है. इस बारे में हम बाद में जानकारी देंगे. 


पाकिस्तान से PM मोदी को मिला है न्योता


इससे पहले पाकिस्तान की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने कहा था कि 15-16 अक्टूबर को होने वाले शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए शासनाध्यक्षों को निमंत्रण भेजे गए हैं. बलूच ने कहा, ‘भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी निमंत्रण भेजा गया है.’ बलूच ने कहा कि कुछ देशों ने पहले ही एससीओ के शासनाध्यक्षों के शिखर सम्मेलन में भाग लेने की पुष्टि कर दी है. उन्होंने कहा, ‘तय समय पर यह बताया जाएगा कि किस देश ने पुष्टि की है.’ 


ब्रुनेई और सिंगापुर के दौरे पर जाएंगे PM मोदी


इस दौरान भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ब्रुनेई और सिंगापुर के आगामी दौरे को लेकर भी जानकारी दी. रणधीर जायसवाल ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, महामहिम सुल्तान हाजी हसनल बोल्किया के निमंत्रण पर, 3 और 4 सितंबर 2024 को ब्रुनेई का दौरा करने वाले हैं. यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा ब्रुनेई की पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी. ब्रुनेई से, प्रधानमंत्री इसके बाद सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग के निमंत्रण पर 4 और 5 सितंबर 2024 को सिंगापुर का दौरा करेंगे.


बांग्लादेश में बाढ़ पर क्या बोला भारतीय विदेश मंत्रालय?


विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "... हमने बांग्लादेश में बाढ़ की स्थिति पर न्यूज चैनल सीएनएन की रिपोर्ट देखी है. इसकी रिपोर्ट भ्रामक है और यह सुझाव देती है कि भारत किसी तरह बाढ़ के लिए जिम्मेदार है. उन्होंने आगे कहा कि तथ्यात्मक रूप से सही नहीं है और स्थिति को स्पष्ट करने के लिए भारत सरकार द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्तियों में तथ्यों की अनदेखी करता है.


विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि उन्होंने यह भी अनदेखा किया है कि हमारे पास जल संसाधन प्रबंधन के लिए मौजूदा संयुक्त तंत्रों के माध्यम से दोनों देशों के बीच डेटा और महत्वपूर्ण सूचनाओं का नियमित और समय पर आदान-प्रदान है. 


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