'ये मालदीव...' राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के खिलाफ महाभियोग की रिपोर्ट पर बोला विदेश मंत्रालय
India Maldives Row: पिछले कुछ महीनों से भारत और मालदीव के रिश्तों में दरार आई है. पीएम मोदी के लक्षद्वीप दौरे के बाद तो दोनों देशों के बीच तना तनी ज्यादा देखने को मिली.
India Maldives Relations: भारत से रिश्ते खराब करके चीन के करीब जाने वाले मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू बुरी तरह से फंसते दिख रहे हैं. ऐसी रिपोर्ट सामने आ रही हैं कि उनके खिलाफ विपक्ष लामबंद हो गया है और महाभियोग लाने की तैयारी चल रही है. मामले पर विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया आई है.
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, राष्ट्रपति मुइज्जू पर महाभियोग की रिपोर्ट के साथ-साथ मालदीव की स्थिति पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा, "ये मालदीव के आंतरिक मामले हैं और हम इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहेंगे."
मालदीव में आर पार की लड़ाई?
दरअसल, मालदीव में चीजें भारत और चीन के आसपास घूमती दिख रही हैं. एक तरफ 'भारत विरोधी' राष्ट्रपति मुइज्जू चीन के समर्थन में हैं तो वहीं विपक्ष भारत के समर्थन में बयान दे रहा है. साथ ही मुइज्जू से मांग कर रहा है कि वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से औपचारिक रूप से माफी मांगे.
उधर, मोइज्जू ने हाल ही में विपक्ष की मंजूरी के बिना कुछ नए सांसदों को अपनी कैबिनेट में शामिल कर लिया. इस बात से भी विपक्ष नाराज बताया जा रहा है और स्थानीय मीडिया के मुताबिक, सबसे बड़े विपक्षी दल एमडीपी ने उनके खिलाफ महाभियोग लाने की तैयारी शुरू कर दी. साथ ही मुइज्जू की पार्टी पीएनसी के कई सांसदों ने विपक्षी दल का समर्थन देने में रुचि भी दिखाई है. एमडीपी के संसदीय दल के उपनेता अंधुन हुसैन ने द हिंदू अखबार से कहा कि संख्या बल उनके पक्ष में है.
क्या है मालदीव की संसद का हाल?
मालदीव के सत्तारूढ़ दल पीएनसी के पास संसद में 80 सीटें हैं. राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने के लिए 54 सांसदों का समर्थन चाहिए होगा. मालदीव डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) के पास 43 और द डेमोक्रेट्स के पास 13 सांसद हैं. इस तरह दोनों पार्टियों के कुल 56 सांसद हो जाएंगे.
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