नई दिल्ली: असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) से करीब 19 लाख लोगों को बाहर रखा गया है. इस मसले पर अंतरराष्ट्रीय मीडिया की टिप्पणी को लेकर भारत ने कहा है कि यह भ्रामक है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि जिन लोगों का नाम एनआरसी की अंतिम लिस्ट में नहीं है, उन्हें हिरासत में नहीं लिया जाएगा, वे स्टेट लेस नहीं हैं.


उन्होंने कहा, ''भारत सरकार ने असम के नागरिकों के हितों का ध्यान रखते हुए 1985 में असम समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.'' रवीश कुमार ने कहा, ‘‘जिन लोगों के नाम अंतिम सूची में नहीं है उन्हें हिरासत में नहीं लिया जायेगा और कानून के तहत उपलब्ध सभी विकल्पों पर विचार होने तक उन्हें पहले की तरह ही सभी अधिकार मिलते रहेंगे.’’


मंत्रालय ने कहा, ‘‘असम में रहने वाले किसी व्यक्ति के अधिकारों पर एनआरसी से बाहर किये जाने का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह सूची से बाहर किये गये व्यक्ति को ‘राष्ट्र विहीन’ नहीं बनाती है. यह कानूनी रूप से किसी व्यक्ति को ‘विदेशी’ नहीं बनाती. वे पहले से प्राप्त किसी भी अधिकार से वंचित नहीं रहेंगे.’’


आपको बता दें कि संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष शरणार्थी अधिकारी ने भारत से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है कि एनआरसी से लोगों को बाहर किये जाने के बाद कोई भी व्यक्ति राष्ट्र विहीन न हो.






संयुक्त राष्ट्र ने क्या कहा?


शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त फिलिपो ग्रेंडी ने जिनेवा में रविवार को बयान जारी कर कहा, ‘‘कोई भी प्रक्रिया जिसमें बड़ी संख्या में लोग बिना किसी राष्ट्र की नागरिकता के छूट जाते है तो वह देशविहीनता को समाप्त करने के वैश्विक प्रयासों के लिए एक बहुत बड़ा झटका होगा.’’


रवीश कुमार ने कहा, ''एनआरसी का उद्देश्य 1985 में भारत सरकार, असम राज्य सरकार, अखिल असम छात्र संघ और ऑल असम गण संग्राम परिषद के बीच हस्ताक्षरित असम समझौते को प्रभावी करना है.''


उन्होंने कहा, ''सुप्रीम कोर्ट ने 2013 में सरकार को वचनबद्धता देने के लिए बाध्य किया. इसके चलते 2015 में असम में एनआरसी को अपडेट करने की प्रक्रिया शुरू हुई. एनआरसी को अपडेट करना सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनिवार्य, पारदर्शी और कानूनी प्रक्रिया है.''


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विदेश मंत्रालय ने कहा, ''यह एक कार्यकारी संचालित प्रक्रिया नहीं है. प्रक्रिया की निगरानी सीधे सुप्रीम कोर्ट द्वारा की जा रही है और सरकार कोर्ट द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार कार्य कर रही है. उठाए गए सभी कदमों की समयसीमा सुप्रीम कोर्ट ने निर्धारित की है.''


19 लाख लोग NRC लिस्ट से बाहर


असम में बहुप्रतीक्षित एनआरसी की अंतिम सूची शनिवार को ऑनलाइन जारी कर दी गई. एनआरसी में शामिल होने के लिए 3,30,27,661 लोगों ने आवेदन दिया था. इनमें से 3,11,21,004 लोगों को शामिल किया गया है और 19,06,657 लोगों को बाहर कर दिया गया है.


असम सरकार ने शनिवार को दावा किया था कि कई वास्तविक भारतीय एनआरसी की अंतिम सूची से छूट गये है लेकिन उन्हें घबराने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि उनके पास विदेशी न्यायाधिकरण (एफटी) में अपील करने का विकल्प उपलब्ध है.