MEA Spox Arindam Bagchi On Pakistan: भारत के विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के एससीओ (SCO) में शामिल होने और पड़ोसी देश को 1960 की सिंधु जल संधि में संशोधन को लेकर जारी किए गए नोटिस को लेकर बयान दिया है. मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हमने एससीओ के लिए पाकिस्तान को न्योता भेजा है. इस दौरान उन्होंने ये भी कहा कि हमने बीते महीने सिंधु जल संधि में संशोधन को लेकर जो नोटिस दिया था उस पर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई.
हम कर रहें है एससीओ की अध्यक्षता
भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता अरिंदम बागची (Arindam Bagchi) ने कहा कि हम 2023 की शंघाई सहयोग संगठन-एससीओ (Shanghai Cooperation Organisation Summit) की अध्यक्षता कर रहे हैं, हम सभी एससीओ देशों को न्योताा देते हैं पाकिस्तान (Pakistan) भी इसमें शामिल हैं. उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि वो इस कार्यक्रम में शिरकत करेंगे.
एमईए प्रवक्ता बागची ने कहा, "मैं सोचता हूं कि पाकिस्तान के अधिकारियों ने इस तरह के आयोजनों में शिरकत की होगी. उन्होंने कहा, मैं अभी नहीं जानता कि वहां से किसके आने की पुष्टि की जाएगी, लेकिन हम आपको एससीओ की तारीख नजदीक आने पर बताएंगे."
भारत ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) 2023 के लिए आधिकारिक वेबसाइट लॉन्च कर चुका है. वो 2023 में एससीओ संगठन के अध्यक्ष के तौर पर एससीओ शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है. भारत को उज्बेकिस्तान के समरकंद में एससीओ की अध्यक्षता दी गई थी. इसके तहत सितंबर 2023 तक एक साल के लिए समूह की अध्यक्षता करेगा. इसमें सभी एससीओ सदस्य देशों के नेता शामिल होंगे. साल 2022 में 22वें एससीओ सम्मेलन की अध्यक्षता उज्बेकिस्तान ने की थी.
वाराणसी को 2022-2023 के लिए शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की पहली पर्यटन और सांस्कृतिक राजधानी बनाया गया है. यह फैसला समरकंद में एससीओ के राष्ट्राध्यक्षों की 22वीं बैठक में लिया गया था. विदेश मंत्रालय के मुताबिक इससे भारत और एससीओ सदस्य देशों के बीच पर्यटन, सांस्कृतिक रिश्तों को बढ़ावा मिलेगा.
एससीओ एक स्थायी अंतर सरकारी अंतर्राष्ट्रीय संगठन के तौर पर जाना जाता है. ये एक यूरेशियाई राजनीतिक, आर्थिक और सैन्य संगठन है. इसका मकसद इस क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखना है. ये 2001 में बनाया गया था. 2001 में SCO बनने से पहले कज़ाखस्तान, चीन, किर्गिज़स्तान, रूस और ताजिकिस्तान शंघाई फाइव (Shanghai Five) के सदस्य थे. 2001 में उज़्बेकिस्तान के शामिल होने के बाद शंघाई फाइव का नाम बदलकर SCO किया गया. भारत और पाकिस्तान 2017 में इसके सदस्य बने थे.
1960 सिंधु जल संधि में संशोधन पर नहीं आया जवाब
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हमने पाकिस्तान को 1960 की सिंधु जल संधि में संशोधन के लिए 25 जनवरी को नोटिस जारी किया था, लेकिन मुझे पाकिस्तान या विश्व बैंक की तरफ से किसी भी तरह की जानकारी और जवाब नहीं मिला. उन्होंने कहा कि संधि के भौतिक उल्लंघन को सुधारने के लिए पाकिस्तान को बातचीत का मौका देने के लिए ये नोटिस जारी किया गया था.
हमने पाकिस्तान से इस बारे में सहूलियत के मुताबिक तारीख बताने को कहा है. दरअसल 25 जनवरी को भारत ने सितंबर 1960 की सिंधु जल संधि में संशोधन के लिए पाकिस्तान को नोटिस भेजा था. ये नोटिस इस्लामाबाद के संधि को लागू करने में अड़ियल रूख अपनाने की वजह से जारी किया गया था.
आज से 62 साल पहले भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में ये संधि हुई थी. तब सतलुज, ब्यास और रावी नदी का पानी भारत को और सिंधु, झेलम और चिनाब का पानी पाकिस्तान को दिया जाना तय किया गया था. 9 साल की लंबी मशक्कत के बाद दोनों देश इस संधि को करने पर राजी हुए थे. पाकिस्तान ने सिंधु जल संधि के प्रावधानों और इसे लागू करने पर संजीदगी नहीं बरती और मजबूर होकर भारत को इसमें संशोधन के लिए नोटिस जारी करना पड़ा.