Measles Outbreak In Mumbai:  मुंबई में खसरे का प्रकोप अभी बरकरार है. मुंबई महानगर पालिका के मुताबिक खसरे से पीड़ित लोगों की संख्या 142 से ज्यादा हो गई है. मुंबई में खसरे के मामलों की संख्या मंगलवार (15 नवंबर) के 126 से बढ़कर बुधवार को 142 तक जा पहुंची. वहीं खसरे के संदिग्ध मामलों की संख्या 908 से बढ़कर 1,079 हो गई है. अब तक कुल 7 बच्चों की मौत संदिग्ध खसरे के कारण हो चुकी है.


मुंबई के कस्तूरबा अस्पताल में 66 बच्चों का इलाज चल रहा है, जिनमें से 5 बच्चों का इलाज आईसीयू में चल रहा है. कस्तूरबा अस्पताल में मंगलवार की शाम 6 नए मरीज भर्ती हुए थे. स्कूल में बुखार और शरीर पर दानों से पीड़ित बच्चों की सूचना संबंधित स्वास्थ्य अधिकारियों को देने के निर्देश दिए गए हैं. बुखार, रैशेज के अतिरिक्त मरीजों को खोजने के लिए शिक्षा विभाग से समन्वय भी स्थापित किया गया है.


टीकाकरण को लेकर जागरूकता फैलाई जा रही है


टीकाकरण को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ाई जा रही है. कोविड-19 की तर्ज पर खसरे के प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए वॉररूम बनाए गए हैं. शिवाजी नगर सिविल अस्पताल में हल्के लक्षण वाले मरीजों के लिए जगह रखी गई हैं. वहीं शताब्दी, गोवंडी अस्पताल और गंभीर रोगियों के लिए राजावाड़ी अस्पताल तैनात को गया है. गंभीर रूप से बीमार मरीजों को इलाज के लिए कस्तूरबा अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है. इसमें खास तीन वॉर्ड केवल खसरे से पीड़ित बच्चों के लिए रखे गए हैं.


स्वास्थ्य अधिकारियों ने जारी किए निर्देश


स्वास्थ्य अधिकारियों ने बुखार और चकत्ते की सूचना देने का निर्देश निजी अस्पतालों, निजी प्रैक्टिस करने वाले चिकित्सकों और नर्सिंग होम को दिया है. वहीं मुंबई के गोवंडी इलाके में जहां अब तक सबसे अधिक मामले दर्ज हुए हैं, वहां हर रोज घर घर जा कर बीएमसी के एम ईस्ट वार्ड के अधिकारी और कर्मचारी लोगों का सर्वेक्षण कर रहे हैं. इस सर्वेक्षण में जो बच्चे सर्दी बुखार और शरीर पर दानों से पीड़ित हैं. उनका जानकारी लिया जा रहा है और जरूरत के अनुसार उन्हें अस्पताल में भर्ती होने का निर्देश भी दिया जा रहा हैं.


पूरे शहर में किस इलाके में कितने हैं खसरे के मामले


देवनार, गोवंडी - 44
कुर्ला चुनाभट्टी - 29
घाटकोपर, विद्याविहार -14
माटुंगा, सायन -12
बांद्रा, खार, सांताक्रुज -11
चेंबूर, तिलक नगर - 6
धारावी, दादर - 6
नागपाडा, भयकला -5


3 सदस्यीय टीम का गठन


बीएमसी सहित वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन, विश्व स्वास्थ्य संगठन के भारत के क्षेत्रीय हेड और उनकी टीम भी सर्वेक्षण में शामिल है. वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य टीम भी लगातार बीएमसी से बढ़ते मामलों के बारे में जानकारी ले रहे हैं. केंद्र सरकार ने इसके लिए 3 सदस्यीय टीम का गठन भी किया है. इनमें  राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी), नई दिल्ली, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज (एलएचएमसी), नई दिल्ली और क्षेत्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण कार्यालय, पुणे, महाराष्ट्र के विशेषज्ञ शामिल हैं.


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