नई दिल्ली: लोगों में कोरोना का इतना डर बैठ गया है के उन्होंने नॉन वेज से भी दूरी बना ली है. हांलाकि इसमें कोई सच्चाई नहीं है कि कोरोना मीट से फैलता है, लेकिन अफवाहों की वजह से लोग नॉन वेज खाने से परहेज़ कर रहें हैं. इस वजह से मीट करोबारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.


शाहीन बाग में चिकन मीट शॉप विक्रेता का कहना है कि कोरोना वायरस का डर लोगों में इतना बैठ गया है कि बिक्री ख़त्म हो गई है. लोगों ने मीट की दुकानों से दूरी बना ली है. पहले जहां चिकन की कीमत 150 रुपए प्रति किलो थी, अब 120 रुपये हो गई है. कुछ जगहों पर तो ये 100 रुपये तक पहुंच गई है. कोई भी ग्राहक नहीं आ रहा है. ना केवल कीमतों में गिरावट आई है, बल्कि मांग में भी कमी आई है. सप्लाई ज़्यादा है, लेकिन मांग नहीं है. ऐसा सिर्फ कोरोना वायरस के डर की वजह से हो रहा है.


चिकन मार्केट में ही केवल गिरावट नहीं, बल्कि मछली बेचने वालों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. मछली के विक्रेता अब्दुल का कहना है कि दो-चार दिन से कोरोना का खतरा बढ़ा है, तब से ही कारोबार ठप पड़ा है. दोनों मुरगे और मछली के कारोबार में नुकसान उठाना पड़ रहा है. दोनों के कारोबार में गिरवट आई है. लोगों ने दूरी बना ली है. चिकन और मछली के दामों में प्रति किलो करीब 30 रुपए की गिरवट आई है, जिससे बाज़ारो में सुस्ती है और कारोबारी इसकी मार झेल रहे हैं.


सिर्फ मछली और मुर्गा ही नहीं बल्कि लोग अंडे से भी दूरी बना रहे हैं. एक चिकन विक्रेता ने कहा कि पहले एक दिन में 25 मुर्गों की बिक्री हो जाती थी, लेकिन अब बिक्री में भारी गिरावट आई है.


कारोबारियों का कहना है कि लोगों में ये खौफ है कि बीमारी अंडे या मीट से होती है. जिस वजह से कारोबार में भारी गिरावट देखी जा रही है. ग्राहक दुकानों से नदारद हैं, जब मांग ही नहीं तो नुकसान उठाना ही पड़ेगा. परेशानी तो बहुत आ रही है, लेकिन किसी तरह से घर चला रहें हैं.