सरकार के साथ वार्ता से पहले हलचल तेज, सामने आए मध्यस्थकार लक्खा सिंह ने की कृषि मंत्री से मुलाकात
लक्खा सिंह के साथ बैठक के दौरान कृषि मंत्री नरेन्द्र तोमर ने कहा- हम दस कदम आगे बढ़े.... किसान संगठनों को भी कुछ आगे बढ़ना चाहिए. रद्द करने की बात को छोड़ और कोई भी प्रस्ताव दे... तो सरकार आगे फिर उस पर विचार करेगी.

नए कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसान संगठनों और केन्द्र सरकार के बीच 8 जनवरी को नौवें दौर की वार्ता होने जा रही है. लेकिन, उस वार्ता से ठीक पहले हलचल तेज हो गई है. किसान संगठन और सरकार की बीच बाबा लक्खा सिंह ने मध्यस्थता की पेशकश करते हुए केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के साथ गुरुवार को मुलाकात की.
मध्यस्थता को आगे आए लक्खा सिंह
लक्खा सिंह के साथ बैठक के दौरान कृषि मंत्री नरेन्द्र तोमर ने कहा- "हम दस कदम आगे बढ़े.... किसान संगठनों को भी कुछ आगे बढ़ना चाहिए. रद्द करने की बात को छोड़ और कोई भी प्रस्ताव दे... तो सरकार आगे फिर उस पर विचार करेगी."
लक्खा सिंह बोले- हमारे पास नया प्रस्ताव होगा
कृषि मंत्री के साथ मुलाकात में लक्खा सिंह ने सरकार का पक्ष सुना. इसके बाद उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा- "लोगों की जान जा रही है. बच्चे, किसान, बजुर्ग महिला और पुरूष सड़कों पर हैं. दुख असहनीय है. मैंने सोचा कि इसका कैसे भी समाधान होना चाहिए. इसलिए मैं आज कृषि मंत्री से मिला. बातचीत अच्छी रही और हमने समाधान निकालने की कोशिश की."
We'll have a new proposal & find out a solution to the matter. We'll try to resolve it at the earliest. The minister assured me that he is with us in finding a solution: Baba Lakha Singh, Head of Nanaksar Gurudwara, Kaleran after meeting Agriculture Minister Narendra Singh Tomar https://t.co/iFV628L7hn
— ANI (@ANI) January 7, 2021
लक्खा सिंह ने आगे कहा- हमारे पास नया प्रस्ताव होगा और इस मुद्दे का समाधान निकालना होगा. हम जल्द से जल्द इसका समाधान निकालने की कोशिश करेंगे. मंत्री ने हमें यह आश्वस्त किया है कि समाधान में वह हमारे साथ हैं.
कौन हैं लक्खा सिंह?
बाबा लक्खा सिंह के अचानाक किसान और सरकार के बीच मध्यस्थकार के तौर पर आने से सरकार के साथ वार्ता से पहले हचलल बढ़ी है. बाबा लक्खा सिंह पंजाब के मोगा की नानकसर सम्प्रदाय से जुड़े हुए हैं. वह नानकसर गुरुद्वारा कलेरां के प्रमुख हैं.
गौरतलब है कि राष्ट्रीय राजधानी और इसके आसपास किसानों का प्रदर्शन का गुरुवार को 43वां दिन है. किसानों ने ट्रैक्टर रैली कर नौवें दौर की वार्ता से पहले अपना शक्ति प्रदर्शन किया. किसान तीनों नए कृषि कानूनों की वापसी की मांग पर अड़े हुए हैं. हालांकि, सरकार का यह तर्क है कि इन कानूनों के जरिए कृषि क्षेत्र में सुधार होगा और निवेश के अवसर बढ़ेंगे.
ये भी पढ़ें: Farmers Protest: ट्रैक्टर मार्च के दौरान एक्सप्रेस वे पर ही चला लंगर, जमीन पर बैठ किसानों ने खाया खाना
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस

