छत्तीसगढ़: कोमा में हैं पूर्व सीएम अजीत जोगी, अस्पताल ने बताया- हालत चिंताजनक
कल दोपहर को अजीत जोगी की अचानक तबीयत बिगड़ गई थी. जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था.अस्पताल ने कहा है कि अगले 48 घंटे में बता पाना संभव होगा कि दवाइयों का असर उनके शरीर पर कैसा होता है.
रायपुर: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी का स्वास्थ्य बुलेटिन जारी हुआ है. श्री नारायणा अस्पताल के मुताबिक अजीत जोगी अभी भी कोमा में हैं. उनकी हालत चिंताजनक बनी हुई है. अगले 48 घंटे में बता पाना संभव होगा कि दवाइयों का असर उनके शरीर पर कैसा होता है.
अजीत जोगी का स्वास्थ्य बुलेटिन जारी
पूर्व मुख्यमंत्री और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के मुखिया की हालत में अभी सुधार नहीं है. शनिवार दोपहर को अजीत जोगी की अचानक तबीयत बिगड़ गई थी. जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. शहर के श्री नारायणा अस्पताल में भर्ती अजीत जोगी की हालत चिंताजनक बनी हुई है. डॉक्टरों के मुताबिक उनके शरीर पर दवाइयों के असर का पता लगाने के लिए 48 घंटे लगेंगे. मेडिकल बुलेटिन में उन्हें अभी कोमा में बताया गया है.
कल हार्ट अटैक के बाद हुए थे बीमारFormer Chhattisgarh Chief Minister Ajit Jogi is in a coma, his condition is critical. It will be ascertained in the next 48 hours how his body is responding to medicines: Shree Narayana Hospital, Raipur pic.twitter.com/Xg1uPQo5pf
— ANI (@ANI) May 10, 2020
शनिवार को जब अजीत जोगी अचानक बीमार पड़े थे तब सूचना पर डॉक्टर उनके घर पहुंचकर इलाज करने लगे. मगर उनकी सेहत की स्थिति को देखते हुए उन्हें नारायणा अस्पताल लाकर भर्ती कराया गया. कल डॉक्टर ने बताया था कि उन्हें घर पर ही हार्ट अटैक हुआ था. जिसके बाद उन्हें सांस लेने में हो रही दिक्कत के चलते वेंटिलेटर पर रखा गया.
अजीत जोगी के बारे में जानें
अजीत जोगी कलेक्टरी छोड़ राजनीति में आए थे. इंदौर का कलेक्टर रहते उनकी कठोर प्रशासक छवि को देखते हुए राजीव गांधी ने राजनीति में आने का मौका दिया. कांग्रेस की मदद से संसद का हिस्सा बनने पर उनकी पहचान तेज तर्रार नेता के तौर पर होने लगी. राजीव गांधी को वीपी सिंह के हमले से बचाने के लिए उनकी गिनती हल्ला बोल टीम में होती थी. जिसमें सुरेंद्र सिंह अहलुवालिया, सुरेश पचौरी, रत्नाकर पांडे, बाबा मिश्रा जैसे घाघ नेता थे. मगर राजीव गांधी की हत्या के बाद अजीत जोगी की वफादारी सियासत का गुलाम बनकर रह गई.
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