एक ही प्लेटफॉर्म पर होगा मरीज-डॉक्टर-अस्पतालों का पूरा रिकॉर्ड, नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन से ऐसे बदलेगा देश का स्वास्थ्य ढांचा
इस नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत एक प्लेटफॉर्म तैयार किया जाएगा, जिसमें भारत के सभी डॉक्टर, हेल्थ फैसिलिटी जैसे हॉस्पिटल, क्लीनिक, लैब को भी जोड़ा जाएगा और इनकी सब जानकारी होगी.
नई दिल्लीः आज स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन (NDHM) की शुरुआत करने की घोषणा की. इसमें लोगों को स्वास्थ्य सम्बंधित सभी सेवाओं के लिए एक डिजिटल माध्यम मिलेगा, जिसकी शुरुआत हर व्यक्ति की डिजिटल हेल्थ आईडी बनने से होगी.
क्या है यह डिजिटल हेल्थ आईडी और कैसे काम करेगी?
भारत में जल्द ही लोगों को डिजिटल हैल्थ आईडी बनेगी. इसके लिए नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (NHA) के अन्तर्गत नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन बनाया जाएगा. इस मिशन के जरिए जल्द लोगों के स्वास्थ्य की सभी जानकारी और सेवाओं के लिए एक प्लेटफॉर्म तैयार किया जाएगा.
वहीं हर किसी को एक हेल्थ आईडी दी जाएगी, जिसमें उस व्यक्ति से जुड़ी स्वास्थ्य की सभी जानकारी सीधे जुड़ सकेगी. उसकी उम्र से लेकर ब्लड ग्रुप, हेल्थ हिस्ट्री, मेडिकेशन, एलर्जी जैसी कई जानकारी होंगी.
क्या कहते हैं NHA के सीईओ?
इस बारे में NHA के सीईओ डॉ इंदु भूषण ने बताया, "पहली बात तो यह कि मिशन यह स्कीम क्यों शुरू किया जा रहा है, तो आप देखते हैं कि जब कभी हम अस्पताल जाते हैं या डॉक्टर के पास जाते हैं, तो एक फाइल बगल में दबाकर ले जाते हैं. उसमें कुछ पुराने रिकॉर्ड होते हैं कुछ नहीं होते हैं. डॉक्टर को फिर जो चिकित्सा करनी होती है, वह अंदाज़ के आधार पर करनी होती है क्योंकि उसे पता नहीं कि पहले आपका क्या ट्रीटमेंट हुआ है या किस प्रकार की दवाइयां आपको सूट नहीं करती. इसका पूरा उद्देश्य है हम हर एक व्यक्ति को एक आईडी दें और उसका जहां-जहां भी इलाज हुआ है या जहां भी उन्होंने हेल्थ से संबंधित कोई काम किया है, कोई जांच हुई है या कोई टीका लगा है, वह एक जगह उपलब्ध हो सके. इसके लिए हेल्थ आईडी जरूरी है क्योंकि आप एक अस्पताल में गए, कहीं आपने टीका लगया उन सब को जोड़ने के लिए उस आईडी की आवश्यकता है वह हम सब को देंगे."
डॉ भूषण बताते हैं कि जिस व्यक्ति का डिजिटल हेल्थ कार्ड बनेगा, वह इस पूरे मिशन के केंद्र में है. इसलिए उसकी सहमति के आधार पर ही उन रिकॉर्ड्स को वह देख सकता है और यह जितने रिकॉर्ड होंगे वह डिजिटल होंगे.
डॉक्टरों और अस्पतालों का भी रिकॉर्ड होगा शामिल
वहीं इस नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत एक प्लेटफॉर्म तैयार किया जाएगा, जिसमें भारत के सभी डॉक्टर, हेल्थ फैसिलिटी जैसे हॉस्पिटल, क्लीनिक, लैब को जोड़ा जाएगा और इनकी सब जानकारी होगी.
इस बारे में नेशनल हेल्थ अथॉरिटी सीईओ डॉ इंदु भूषण ने एबीपी न्यूज़ से कहा "हर एक डॉक्टर और हर अस्पताल का एक आईडी होगा, जिससे कि हम अस्पतालों को भी देख सकेंगे कि कहां से रिकॉर्ड लेना है और डॉक्टर की पहचान अच्छी तरह से हो सके कि वह सत्यापित डॉक्टर हैं, असली डॉक्टर हैं और उनकी क्या क्वालिफिकेशन है. डॉक्टर की भी आईडी बनेगी."
इस एनडीएचएम में जरिए चार चीजों पर खास ध्यान दिया जाएगा
- हेल्थ आईडी सिस्टम, जिसमें लोगो की हेल्थ आईडी बनाई जाएगी.
- Digi डॉक्टर जिसमें सभी डॉक्टरों का यूनिक ID होगा और सभी जानकारी होगी.
- हेल्थ फैसिलिटी रजिस्ट्री जिसमें सभी हॉस्पिटल, क्लीनिक, लैब जुड़ सकेंगे और यूनिक ID पा सकेंगे, साथ ही अपनी जानकारी अपडेट कर सकेंगे.
- पर्सनल हेल्थ रिकॉर्ड, जहां पर लोग अपने स्वास्थ्य संबंधी जानकारी अपलोड या स्टोर तो कर ही सकेंगे, सीधे डॉक्टर और लैब इत्यादि से इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से पा सकेंगे.
टेलीमेडिसिन और ई-फार्मेसी का आधार बनेगा NDHM
हेल्थ आईडी और पर्सनल हेल्थ रिकॉर्ड सिस्टम के जरिए तमाम स्वस्थ संबंधी जानकारी प्राप्त की जा सकेंगी. हर व्यक्ति के लिए अलग अलग आईडी दी जाएगी. वहीं किसी के पर्सनल हेल्थ रिकॉर्ड बिना व्यक्ति के अनुमति के नहीं देखे जा सकेंगे.
इसके बाद टेलीमेडिसिन और ई फार्मेसी जैसी सुविधा शुरू करने की योजना है. लेकिन इसे शुरू करने से पहले इसके लिए नियम तैयार किए जाएंगे. इसलिए कुछ वक़्त बाद ये सेवा शुरू की जाएगी.
डॉ इंदु भूषण के मुताबिक "जब यह पूरा ढांचा तैयार हो जाएगा उसके आधार पर भविष्य के लिए टेलीमेडिसिन और ई फार्मेसी यह सब भी लागू होंगे, तो यह बहुत बड़ा दूरगामी प्रोजेक्ट है. इसे बनाने में टाइम लगेगा लेकिन जब भी पूरा हो जाएगा जो हमारी चिकित्सा है उसकी गुणवत्ता में बहुत अधिक वृद्धि होगी."
वॉलंटरी होगा इसमें शामिल होने का फैसला
वहीं उन्होंने ये भी साफ किया है अभी ये योजना पूरी तरह स्वैच्छिक होगी यानी कोई बाध्यता नहीं होगी. पूरी तरह से वॉलंटरी बेसिस पर है जो लोग इस में जुड़ना चाहते हैं वह जुड़ेंगे.
डॉ भूषण ने कहा "यह पूरी तरह से वॉलंटरी बेसिस पर है जो लोग इस में जुड़ना चाहते हैं वह जुड़ेंगे. इसमें किसी प्रकार का कंपल्शन नहीं है. जैसे उदाहरण के तौर पर कोई ऐसा कानून नहीं की सेल फोन रखें लेकिन लोगों के पास सेलफोन होता है और लोगों को पता है उससे क्या फायदा होता है. उसी प्रकार इस योजना और इको सिस्टम से जुड़ने में सभी का फायदा होगा. मरीज को अच्छी सुविधा मिलेगी डॉक्टर को अच्छी ट्रीटमेंट देने में मदद मिलेगी और पूरा डाटा इकट्ठा होगा. उस डाटा से सरकार को यह भी पता चलेगा कि कहां पर किस प्रकार की सुविधाओं की आवश्यकता है और वहां पर किस तरह की नीतियां अपनाएं जिससे वहां स्वास्थ्य में अच्छी बढ़ोतरी हो."
AADHAR की ही तरह बनेगा खास प्लेटफॉर्म
वहीं इस योजना के लिए नेशनल हैल्थ अथॉरिटी एक खास तरह का प्लेटफॉर्म भी तैयार कर रही है. एबीपी न्यूज से बात करते हुए डॉ इंदु भूषण ने बताया की नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत बनेवाली आईडी एक तरह से आधार कार्ड की तरह होगी जिसमे आप से जुड़ी हर जानकारी होगी.
उन्होंने कहा "यह आधार कार्ड की तरह ही एक सिस्टम होगा एक प्लेटफार्म हम बना रहे हैं. नेशनल हेल्थ अथॉरिटी को उसको ब्लॉक करने की जिम्मेदारी दी गई है तो इस पर जोर शोर से काम कर रहे हैं. जल्द इसका प्रारूप सामने आएगा."
सरकार का मानना है इस योजना से मरीज को अच्छी सुविधा मिलेगी, डॉक्टर को अच्छी ट्रीटमेंट देने में मदद मिलेगी और पूरा डाटा इकट्ठा होगा. उस डाटा से सरकार को यह भी पता चलेगा कि कहां पर किस प्रकार की सुविधाओं की आवश्यकता है और वहां पर किस तरह की नीतियां अपनाएं जिससे वहां स्वास्थ्य में अच्छी बढ़ोतरी हो.
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