कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच देश कई राज्यों में वैक्सीन की कमी के चलते वैक्सीनेशन सेंटर बंद पड़े हैं. राजनीतिक दल वैक्सीन की कमी के चलते एक दूसरे पर जुबानी हमले कर रहे हैं, जबकि आम जनता उम्मीद भरी नजरों से सरकार को ओर देख रही है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में चार दिनों से वैक्सीनेशन सेंटर बंद पड़े हैं. उन्होंने बुधवार को इस कमी का सारा ठीकरा केन्द्र पर फोड़ते हुए कहा कि अगर छह महीने पहले वैक्सीन का प्रोडक्शन बड़ी तादाद में शुरू किया गया तो आज ये नौबत ही नहीं आती. केजीरवाल ने कहा कि राज्य को वैक्सीन देने की जिम्मेदारी केन्द्र सरकार की है.
केजरीवाल पर बीजेपी का पलटवार
दिल्ली के मुख्यमंत्री के इन आरोपों पर पलटवार करते हुए बीजेपी ने उल्टा दिल्ली सरकार की क्षमता पर ही सवाल खड़े कर दिए. बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा- “वे (राज्य) वहीं लोग हैं जिन्होंने उस वक्त सवाल खड़े किए थे जब केन्द्र ने वैक्सीनेशन मुहिम की शुरुआत की थी. वे अपनी अक्षमता को छिपाने चाहते हैं. इसलिए वे केन्द्र सरकार पर आरोप लगा रहे हैं.”
केन्द्र पर क्या बोले केजरीवाल?
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने वैक्सीन की कमी का ठीकरा फोड़ते हुए को कहा कि अगर समय रहते हुए वैक्सीन मिल जाती तो बहुत लोगों की जान बचा सकते थे. उन्होंने कहा कि सबसे पहले भारत ने वैक्सीन बनाई. लेकिन राज्यों से कहा गया कि अपना-अपना देख लो.
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत ने छह महीने के देरी कर दी. जब दुनिया के दूसरे देश अपने लोगों को वैक्सीन लगा रहे थे तो हमारे यहां से वैक्सीन दूसरे देशों में भेजी जा रही थी. उन्होंने कहा कि दिसंबर में अगर बड़ी तादाद में वैक्सीन का उत्पादन शुरू हो गया होता तो आज ये नौबत नहीं आती.
केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि पिछले चार दिनों से दिल्ली में युवाओं की वैक्सीन खत्म हो. वैक्सीनेशन सेंटर बन्द पड़े हैं. बुजुर्गों की वैक्सीन भी खत्म हो गई है. ये केवल दिल्ली की बात नहीं है. इस दौर में हमे ज़्यादा नये केंद्र खोलने चाहिए थे. कई बड़ी गलतियां हुई हैं अगर सही समय परअपने लोगों को वैक्सीन लगा दी जाती तो शायद दूसरी वेव के प्रकोप से लोगों को बचाया जा सकता था.
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