नई दिल्ली: राम मंदिर निर्माण के शिलान्यास के अवसर पर विश्व हिंदू परिषद के की ओर से उनके केंद्रीय कार्यालय में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें एक हवन करवाया गया और बड़ी स्क्रीन लगाकर प्रधानमंत्री द्वारा राम मंदिर शिलान्यास के कार्यक्रम को लाइव देखा गया. इस अवसर पर नई दिल्ली से सांसद मीनाक्षी लेखी भी उपस्थित रहीं.


इस मौके पर मीनाक्षी लेखी ने कहा कि 500 वर्षों का इंतजार आज पूरा हुआ है. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि वह साल 1990 में वकील बनीं थीं और उनकी शुरुआत विश्व हिंदू परिषद से ही हुई थी. उन्होंने सन् 1992 का किस्सा याद करते हुए बताया कि उस समय अशोक सिंघल जी और विश्व हिंदू परिषद के अन्य पदाधिकारी यात्रा कर रहे थे.


राम मंदिर के लिए आंदोलन जारी था. ऐसे में अजमेर, राजस्थान में त्रिशूल पर बैन लगा दिया गया, जिसके लिए मीनाक्षी लेखी और उनके साथियों ने कोर्ट कचहरी से लेकर शासन-प्रशासन तक के चक्कर लगाए और इस तरह से उन्होंने राम मंदिर निर्माण आंदोलन में अपनी भूमिका अदा की.


मैं उस समय गर्भवती थी- लेखी
मीनाक्षी लेखी ने बताया कि 1992 में राम मंदिर आंदोलन चरम पर था, तो पूरे देश में सिर्फ इसी की चर्चा थी. वह उस समय गर्भवती थीं और उनका प्रसव का समय भी नजदीक था. ऐसी अवस्था में भी उन्होंने कोर्ट कचहरी, शासन प्रशासन के चक्कर लगाए, ताकि राम मंदिर आंदोलन के लिए निकाली जा रही यात्रा में आ रही बाधाओं को दूर किया जाए.

राम मंदिर निर्माण के साथ ही देश में राम राज्य स्थापित हो
मीनाक्षी लेखी का कहना है कि देश में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का सपना सैकड़ों वर्षों से देखा जा रहा था. हमारे पूर्वजों का भी यही सपना था, जो आज साकार हो गया है. मंदिर के निर्माण कार्य की शुरुआत हो चुकी है. अब हमारे देश में रामराज्य भी स्थापित हो, जिसमें हर व्यक्ति समान हो. किसी तरह की ऊच नीच या भेदभाव न हो.



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