Cyber Fraud: वेबसाइट पर ट्रेंडिंग पड़ी महंगी! मेरठ के व्यापारी के साथ इस तरह हुई 1.84 करोड़ रुपये की ठगी
Cyber Fraud News: गाजियाबाद और मेरठ के दो लोगों के साथ करोड़ों की ठगी का मामला सामने आया है. दोनों ही मामले अलग हैं और दोनों ही केस साइबर क्राइम से जुड़े हैं. पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.
Noida News: मेरठ निवासी एक शख्स ने दावा किया है कि कई लाभ देने की एवज में उसके साथ एक वेबसाइट द्वारा 1.84 करोड़ रुपये का धोखा किया गया है. जबकि गाजियाबाद के एक व्यक्ति ने आरोप लगाया है कि उसने दो अलग-अलग मामलों में विदेश में नौकरी की पेशकश में विश्वास करके 95 लाख रुपये गंवा दिए हैं. दोनों ही मामलों की जानकारी पुलिस द्वारा मंगलवार को दी गई.
पहले मामले में मेरठ के व्यवसायी 40 वर्षीय योगेंद्र कुमार चौधरी ने दावा किया है कि उनके साथ 1.84 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई है. ये फ्रॉड उनके साथ एक ट्रेड वेबसाइट द्वारा किया गया है, जहां उन्होंने निवेश किया था. उन्होंने कहा कि एक महिला ने जुलाई 2021 को वेबसाइट - gicsingapore.com के बारे में बताया था. महिला ने अपना नाम एनी बताया था.
मेरठ के योगेंद्र के साथ हुई 1.84 करोड़ की ठगी
योगेंद्र कुमार चौधरी ने बताया कि उस महिला ने फोन और व्हाट्सएप पर संपर्क किया और उन्हें वेबसाइट से आकर्षक रिटर्न के बारे में बताया. जिसके बाद उन्होंने वेबसाइट पर ट्रेडिंग खाता खोला. पुलिस अधिकारी ने बताया कि योगेंद्र चौधरी रियल इस्टेट व्यवसाय में है और उनको वेबसाइट के माध्यम से पैसा निवेश करने का लालच दिया गया था. शुरुआत में उसे लाखों में चल रही छोटी निवेश राशि पर आकर्षक रिटर्न मिला. वह अपने बैंक खातों से वापसी राशि को भी निकालने में सक्षम था.
पुलिस अधिकारी ने कहा, 'उन्होंने पैसा लगाना जारी रखा, लेकिन जब उन्होंने 1.84 करोड़ रुपये का निवेश किया, तो उनको कोई रिटर्न नहीं मिला और वो बैंक खाते से पैसे को नहीं निकाल पाए.
गाजियाबाद से है दूसरा मामला
दूसरे मामले में, गाजियाबाद के तरुण चौहान ने कहा कि उनके साथ पोलैंड की एक फर्म द्वारा 95.9 लाख रुपये का धोखा किया गया है. इस फर्म ने उन्हें 2021 की अंतिम तिमाही में नौकरी की पेशकश के साथ संपर्क किया था.
साइबर पुलिस अधिकारी ने कहा, 'कंपनी ने पिछले साल 28 और 29 दिसंबर को उनके साथ एक टेलीफोनिक इंटरव्यू भी किया था. इसके बाद उन्होंने चौहान से वीजा अनुरोध, वर्क परमिट, यात्रा बीमा और कई अन्य कारणों के लिए फीस के बहाने फंड ट्रांसफर के लिए पूछना शुरू कर दिया. इसके बाद 35 लेने-देन में चौहान ने 95.9 लाख रुपये कंपनी को दिए.'
'फर्म के दस्तावेज नकली थे'
पीड़ित चौहान ने कहा कि पोलैंड स्थित कंपनी के साथ उनकी आखिरी बातचीत अप्रैल में हुई थई, जब उन्हें सूचित किया गया था कि उन्हें 25 अप्रैल को बायर कॉर्प और इमिग्रेशन एजेंसी से नियुक्ति का प्रस्ताव मिलेगा. उन्होंने कहा कि इसके बाद फर्म के प्रतिनिधि से उनकी कोई बात नहीं हुई. वह दिल्ली में पोलिश दूतावास गए, जहां अधिकारियों ने उसे सूचित किया कि फर्म द्वारा उसे दिए गए दस्तावेज नकली थे.
दोनों मामलों में दर्ज हुई FIR
इंस्पेक्टर यादव ने कहा कि दोनों मामलों में प्राथमिकी दर्ज की गई है और जांच तुरंत शुरू की गई है. उन्होंने कहा, 'हमें कुछ सुराग मिले हैं. हम उन पर काम कर रहे हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि मामलों का जल्द से जल्द समाधान हो ताकि ठगे गए पैसों की वसूली की जा सके.
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