मेरठ: मूर्तियों के तोड़े जाने की चपेट में अब संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की मूर्ति भी आ गई है. मेरठ के मवाना के खुर्द गांव में असामाजिक तत्वों ने आंबेडकर की प्रतिमा खंडित कर दी. इस घटना के बाद आक्रोशित दलित समाज के लोगों ने इसे लेकर जमकर हंगामा किया. मूर्ति को नुकसान पहुंचाए जाने की सूचना मिलते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया और पुलिस ने घटना स्थल पर पहुंचकर स्थिति को काबू किया.


बीते सोमवार को दक्षिण त्रिपुरा के बेलोनिया में लेनिन की प्रतिमा को बुलडोजर से गिराए जाने के बाद मूर्तियों को गिराने का ये सिलसिला शुरू हुआ. त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की जीत हुई और इसके साथ ही वाम सरकार 25 साल बाद यहां की सत्ता से बाहर हुई है. इसी जीत के नशे में चूर बीजेपी कार्यकर्ताओं पर लेनिन की मूर्ति को गिराने का आरोप लगा है.


इसके बाद तमिलनाडु के वेल्लोर जिले में समाज सुधारक और द्रविड़ आंदोलन के संस्थापक ई वी रामासामी ‘पेरियार’ की मूर्ति भी क्षतिग्रस्त कर दी गई जिसे लेकर काफी बवाल हुआ. वहीं पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के कालीघाट से श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मूर्ति पर कालिख पोते जाने का मामला भी सामने आया है.


मूर्तियां क्षतिग्रस्त हुईं तो जिला अधिकारी-पुलिस अधीक्षक जिम्मेदार


देश के कई हिस्सों में प्रतिमाओं को क्षतिग्रस्त किए जाने की घटनाओं पर गंभीरता से संज्ञान लेते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दूसरा परामर्श जारी किया. इसमें कहा गया है कि तोड़फोड़ की ऐसी घटनाओं के लिए जिला अधिकारी और पुलिस अधीक्षक ‘निजी तौर पर जिम्मेदार’ होंगे. नया परामर्श जारी किए जाने से कुछ घंटे पहले मंत्रालय ने इस मामले में पहला परामर्श जारी किया था. इसमें उसने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा था कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाये जाएं और कड़ी कार्रवाई की जाए.


मंत्रालय के एक अधिकारी ने दूसरे परामर्श का हवाला देते हुए कहा, ‘‘मूर्तियों को क्षतिग्रस्त करने की कोई घटना होने पर जिला अधिकारी और पुलिस अधीक्षक निजी तौर पर जिम्मेदार होंगे.’’ अधिकारी ने कहा कि राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि जिला अधिकारी और पुलिस अधीक्षकों को उनके इलाकों में कानून- व्यवस्था की स्थिति को बनाए रखने के लिए हर संभव कदम उठाने के लिए कहा जाए. मंत्रालय के दूसरे परामर्श में पहले के दिशानिर्देशों को दोहराया गया है और ऐहतियाती कदम उठाने के लिए कहा गया है.


अधिकारी ने कहा कि किसी राज्य सरकार ने अतिरिक्त अर्द्धसैनिक बलों की मांग नहीं की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस तरह की घटनाओं की निंदा की है और मामले पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह से बात की है.