मेरठ: यूपी के मेरठ में जुम्मे की नमाज के बाद हुए बवाल के बाद मेरठ पुलिस प्रशासन अब बवाल वाले इलाके में जाकर मुस्लिम उलेमाओं के साथ बैठक कर रहा है. बैठक में सीएए और एनआरसी को लेकर लोगों में जो गलतफहमियां हैं उनको दूर किया जा रहा है.


पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सीएए से किसी की भी नागरिकता नहीं ली जा रही है इसलिए इस कानून से किसी को भी डरने की जरूरत नहीं है. पुलिस अधिकारियों ने लोगों को कहा कि आप इस देश के नागरिक हो इसलिए किसी को भी डरने की कोई जरूरत नहीं है. सब यहीं के निवासी हैं और यहीं पर रहेंगे. साथ ही मेरठ पुलिस ने 20 दिसंबर को हुई हिंसा में शामिल बवालियों को पुलिस को सौंपने को भी कहा.


मेरठ के लिसाड़ी गेट इलाके में हो रही बैठक में अधिकारी एनआरसी और नागरिकता कानून को लेकर फैली गलतफहमी को भी दूर करने की कोशिश कर रहे हैं. पुलिस प्रशासन के कई आला अधिकारी इसी तरह से मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में बैठकें कर लोगों को यह समझाने का प्रयास कर रहे हैं कि बवाल, पथराव और तोड़फोड़ से किसी भी समस्या का हल नहीं निकलता है. उन्होंने जनता से कहा कि अगर आपको इस कानून के बारे में कोई भी शंका है तो अपना ज्ञापन हमें दें. हम इसे उचित माध्यम से सरकार तक पहुंचाएंगे. प्रशासन के कई अधिकारी लोगों से उन बवालियों को सौंपने की भी अपील कर रहे हैं जिन्होंने 20 दिसंबर को जुम्मे की नमाज के बाद जमकर तोड़फोड़ और आगजनी की थी. इस बवाल के कारण अकेले मेरठ में ही करोड़ों रुपए की संपत्ति को नुकसान पहुंचा था.


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