नई दिल्ली: आज 31 अक्टूबर 2018 को पूरे देश में सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती मनाई जा रही है जिसे राष्ट्रीय एकता दिवस के रुप में मनाया जाएगा. देश के पहले गृहमंत्री और लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के सम्मान में बनाई गई उनकी 182 मीटर ऊंची विशाल 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है. लेकिन इस बीच सबसे बड़ा सवाल ये है कि दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति को किसने बनाया है?



राम वी सुतार ने बनाई है दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति


राम सुतार विशालकाय मूर्तियां बनाने के लिए जाने जाते हैं. 93 साल के मूर्तिकार राम वी सुतार ने विश्व की इस सबसे ऊंची मूर्ति का डिजाइन तैयार किया है. स्टैचू आफ यूनिटी का निर्माण करने वाले शिल्पकार राम सुतार को भारत सरकार पद्मश्री और पद्मभूषण से सम्मानित कर चुकी है. राम सुतार जेजे स्कूल ऑफ ऑर्ट्स से पढ़ाई कर चुके हैं और आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के साथ मिलकर एलोरा गुफाओं से अपने काम की शुरूआत की. इसके कुछ सालों बाद उन्होंने मूर्ति बनाने का काम शुरू किया.


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गांधी से प्रेरित हैं राम वी सुतार


राम सुतार महात्मा गांधी से काफी प्रभावित हैं. राम सुतार का कहते हैं कि गांधीजी विदेशी कपड़ों के बहिष्कार का आंदोलन चला रहे थे. वह महाराष्ट्र के धुलिया गांव में आए थे. वहीं मुलाकात हुई थी. उनसे प्रेरित होकर मैंने भी अपनी टोपी जला दी थी. इसके बाद दिल्ली आया. यहां उनसे मिलता रहता था. उनके ही माध्यम से पंडित जवाहर लाल नेहरू से मिला. 1961 में जवाहर लाल नेहरू ने प्रधानमंत्री आवास में बुलाया था. वह काफी प्रोत्साहित करते थे. राम सुतार कहते हैं कि उन्होंने सबसे ज्यादा मूर्ति अभी तक गांधी की बनाई है वहीं आगे चलकर अगर उन्हें मौका मिला तो वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी मूर्ति बनाएंगे.


पीएम मोदी को किया था प्रभावित


राम सुतार अब तक कई सारी मूर्तियां बना चुके हैं जहां जब पीएम मोदी को उनकी कला के बारे में पता चला तो पीएम मोदी ने उन्हें एक सैंपल बनाने की बात कही. राम सुतार ने पीएम मोदी को सरदार वल्लभभाई पटेल की ही मूर्ति बनाकर दी जिसका आकार थोड़ा छोटा था. पीएम मोदी ने जैसे ही इस मूर्ति को देखा वो इनकी कला से इतने प्रभावित हो गए कि उन्होंने तुरंत काम शुरू करने की बात कह दी. जिसके बाद आज दुनिया के सामने दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति शान से खड़ी है.



मूर्ति को बनाने में राम सुतार ने काफी छोटी छोटी चीजों पर काम किया जैसे आंखों की पुतली, नाखुन, चेहरा, कुर्ते की सिलवटों की बारीकी और दूसरी चीजों पर काफी फोकस किया है. इस मूर्ति को बनाने में राम सुतार के बेटे ने भी उनकी काफी मदद की है.


क्या है Statue of Unity की खासियत?


सरदार पटेल की ये प्रतिमा 'स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी' (93 मीटर) से दोगुनी ऊंची है. ये प्रतिमा गुजरात के नर्मदा जिले में सरदार सरोवर बांध (Sardar Vallabhbhai Patel Rashtriya Ekta Trust) के पास साधु बेट टापू पर खड़ी है. प्रतिमा के अंदर 135 मीटर की ऊंचाई पर एक दर्शक दीर्घा बनाई गई है जिससे पर्यटक बांध और पास की पर्वत श्रृंखला का दीदार कर सकेंगे. सरदार पटेल की प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ की ऊंचाई का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि 7 किलोमीटर की दूरी से भी ये नजर आती है. इस प्रतिमा के पैर की ऊंचाई 80 फिट, हाथ की ऊंचाई 70 फिट, कंधे की ऊंचाई 140 फिट और चेहरे की ऊंचाई 70 फिट है. सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा बनाने में करीब 5 साल का वक्त लगा और करीब 3 हजार करोड़ रुपये खर्च हुए. इस स्टैच्यू के अंदर हाईटेक लिफ्ट है. इससे पर्यटक सरदार पटेल की प्रतिमा में काफी ऊंचाई तक जा सकेंगे.