नई दिल्ली: एनडीटीवी पर सीबीआई के छापों के खिलाफ आज दिल्ली के प्रेस क्लब में देश भर के बड़े पत्रकार और बुद्धिजीवी जुटे. इस आयोजन में सभी पत्रकारों ने एक सुर में कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला किसी भी सूरत में मंजूर नहीं. इस कार्यक्रम में अरुण शौरी कुलदीप नय्यर, एक के दुआ, प्रणय रॉय जैसे दिग्गज पत्रकार शामिल हुए.
वरिष्ठ पत्रकार एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी ने कहा, आजादी का पाठ फिर से सिखाना जरूरी है. डराकर मीडिया को काबू करने की कोशिश हो रही है. सीबीआई जवाब नहीं दे पा रही है. मौजूदा सरकार सर्वसत्तावादी है. खबर वो है जो सरकार छिपाना चाहे.
वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने कहा, ''मुझे लगता है कि वर्तमान माहौल में चुप रहना कोई विकल्प नहीं है. यह वो क्षण है जब हमें इतिहास में सही किनारे पर खड़ा होना होगा.''
एनडीटीवी के प्रणय रॉय ने कहा, ''यह खोखला मामला केवल एनडीटीवी के खिलाफ नहीं है. बल्कि यह हम सब के लिए एक संकेत है. 'हम आपको दबा सकते हैं, भले ही आपने कुछ न किया हो.''
NBA ने कार्रवाई पर चिंता जताई
एनडीटीवी के प्रमोटर्स पर सीबीआई कार्रवाई पर न्यूज ब्रॉडकास्टर्स असोसिएशन ने जताई चिंता. एनबीए ने कहा कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं लेकिन मीडिया की आजादी पर किसी भी तरह की लगाम लगाने की कोशिश निंदनीय है.
क्या है एनडीटीवी का पूरा मामला ?
सीबीआई ने कल एनडीटीवी के प्रमोटर प्रणय रॉय, उनकी पत्नी राधिका रॉय के खिलाफ केस दर्ज करके दिल्ली से लेकर देहरादून-मसूरी तक छापेमारी की थी. सीबीआई ने छापे के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिलने का दावा भी किया था. छापेमारी के बाद एनडीटीवी सहित विरोधी पार्टियां सीबीआई पर हमला बोल रही हैं वहीं सरकार का कहना है कि सीबीआई कानून के मुताबिक काम कर रही है.
एनडीटीवी पर क्या आरोप हैं ?
सीबीआई के मुताबिक प्रणय राय और उऩकी कंपनी ने एक बड़ी प्राइवेट कंपनी से 500 करोड रुपये का लोन लिया था. इस लोन को चुकाने के लिए उनकी कंपनी ने आईसीआईसी बैंक से 375 करोड का लोन 19 प्रतिशत ब्याज की दर से लोन लिया.
आरोप है कि लोन चुकाने के लिए प्रणय राय की कंपनी ने प्रमोटरो की सारी शेयर होल्डिंग्स को शेयरधारको को बताए बिना गिरवी रख दिया था. आरोप है कि शेयर गिरवी रखे जाने की जानकारी ना तो सेबी को दी गई ना स्टॉक एक्सचेंज को और ना ही सूचना प्रसारण मंत्रालय को. इन लोगों ने 61 प्रतिशत शेयर गिरवी रख दिए जो बैकिंग एक्ट 19 का भी उल्लघंन है.
इसके अलावा यह भी आरोप है कि आईसीआईसीआई बैंक का लोन भी प्रणय रॉय और उनकी कंपनी नहीं चुका रहे थे जिसके बाद बैंक ने उनसे एक मुश्त लोन चुकाने का फैसला किया और बैंक ने अपनी ब्याज दर 19 प्रतिशत से घटा कर 9 प्रतिशत कर दी जिससे बैंक को 48 करोड़ का नुकसान हुआ. इस मामले में बैंक के भी कुछ अधिकारियों की प्रणय राय को फायदा पहुंचाने के आरोप की भी जांच की जा रही है.
NDTV ने अपनी सफाई में क्या कहा ?
एनडीटीवी ने बयान जारी कर कहा, ”ये आरोप उस एक लोन से जुड़ा लगता है जिसे प्रणय रॉय और राधिका रॉय ने सात साल साल पहले ही चुका दिया था. ऐसे समय जब कई उद्योगपितयों ने लाखों, करोड़ों रुपये का बकाया नहीं चुकाया है और उनमें से किसी के भी ख़िलाफ़ सीबीआई ने कोई आपराधिक केस दर्ज नहीं किया तब सीबीआई ने न सिर्फ़ एक एफ़आईआर दर्ज की है, बल्कि ऐसे लोन के लिए तलाशी ली है जिसे ICICI बैंक को विधिवत पूरी तरह चुकाया जा चुका है. ऊपर से ICICI भी एक प्राइवेट बैंक है.”
CBI की सफाई, दफ्तर और न्यूज़रूम में जांच नहीं, कोर्ट के वारंट पर ही प्रोमोटर की जांच
सीबीआई ने इन छापों को लेकर सफाई दी है. सीबीआई ने जारी बयान कर कहा है कि एनडीटीवी की ओर से जारी बयान सीबीआई पर आरोप लगाता है. सीबीआई ने अपनी सफाई में मुख्य रूप से चार बातों का जिक्र किया है.
- NDTV के दफ्तर और न्यूज़रूम में जांच नहीं, CBI मीडिया की आजादी का सम्मान करती है
- बैंक शेयर होल्डर की शिकायत पर केस दर्ज
- सीबीआई की जांच ICICI बैंक को 48 करोड़ का नुकसान पहुंचाने को लेकर
- सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश से निजी बैंक से जुड़े मामले में सीबीआई जांच कर सकती है