मुंबई: महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के बीच मंथन जारी है. इस बीच सूत्रों के हवाले से खबर आई है कि एनसीपी के प्रमुख शरद पवार और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बीच अगले दो दिनों में मुलाकात हो सकती है. ये संभावित मुलाकात महाराष्ट्र का सियासी भविष्य तय करने वाली साबित हो सकती है. जाहिर है कि कांग्रेस और एनसीपी लगभग ये मन बना चुकी हैं कि वो शिवसेना को समर्थन देंगे लेकिन फिलहाल कोई औपचारिक एलान नहीं हुआ है. एनसीपी ढाई ढाई साल के लिए सीएम पद चाहती है तो कांग्रेस की नजर डिप्टी सीएम पर है. इस मुलाकात के बाद उम्मीद की जा रही है कि समर्थन देने और समझौतों को लेकर कोई एलान हो.
इसके साथ ही सूत्रों के मुताबिक शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अपने सभी विधायकों से 17 नवंबर को मुंबई में उपस्थित रहने का आदेश दिया है. 17 नवंबर को बाल ठाकरे की पुण्यतिथि है. विधानसभा चुनाव में शिवसेना दूसरे नंबर की पार्टी है और इसके पास 56 विधायक हैं.
आखिर उस दिन बाल ठाकरे के कमरे में अमित शाह और उद्धव ठाकरे के बीच क्या बात हुई और फिर क्या हुआ?
वहीं शरद पवार अभी दो दिनों के विदर्भ के दौरे पर हैं. बारिश के बाद किसानों को हुए नुकसान का गुरुवार को उन्होंने जायजा लिया. किसानों ने पवार से बारिश के बाद हुए नुकसान के बारे में बताया. उधर आज मुंबई में एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना नेताओं ने कॉमन मिनिमम प्रोग्राम को लेकर बैठक की और इस मुद्दे पर चर्चा हुई.
गौरतलब है कि राज्य में फिलहाल राष्ट्रपति शासन लागू है. इस दौरान विधानसभा को निलंबित रखा गया है. अगर इस बीच कोई राजनीतिक दल राज्यपाल के पास बहुमत का पत्र रखता है तो उसे सरकार बनाने का मौका दिया जा सकता है. शिवसेना के 56, एनसीपी के 54 और कांग्रेस के 44 विधायक मिलाकर आंकड़ा 154 हो जाता है. राज्य में सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 145 है.
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