नई दिल्ली. देश में कोरोना टीकाकरण का दूसरा चरण सोमवार से शुरू हो गया है. टीकाकरण कार्यक्रम के अगले चरण की स्थिति और तेजी की समीक्षा के लिए मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण, एम्पोवेरेड ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन के चेयरमैन आर एस शर्मा ने राज्यों के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रधान सचिव और राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य सचिवों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये बैठक की.
बैठक के दौरान स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से वैक्सीनेशन को तेज गति और सुचारू तरीके से चलाने के लिए कुछ सलाह और निर्देश दिए गए.
- आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन योजना, केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना और राज्य स्वास्थ्य बीमा योजनाओं के तहत एम्पेनलेड सभी निजी अस्पतालों की 100 फीसदी क्षमता का उपयोग करने के लिए उन्हें प्रभावी टीकाकरण केंद्र के रूप में प्रभावी रूप से कार्य करने में सक्षम बनाना है. साथ ही इन निजी अस्पतालों के साथ लगातार सहयोग करना है, ताकि वैक्सीनेशन सही तरीके से और ज्यादा से ज्यादा हो सके.
- वो अस्पताल जो केंद्र सरकार, राज्य सरकार और आयुष्मान भारत योजना में एम्पेनलेड नहीं है. इसके बावजूद उन्हें कोविड वैक्सीन सेंटर बनाने की इजाजत दी जा सकती है. इसके लिए उनके पास पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन, टीकाकरण के अवलोकन के लिए पर्याप्त स्थान, पर्याप्त कोल्ड चेन की व्यवस्था और AEFI के प्रबंधन के लिए पर्याप्त व्यवस्था हो. राज्य/संघ शासित प्रदेश इन निजी अस्पतालों को कोविड वैक्सीन सेंटर के रूप में उपयोग करने के लिए लगातार प्रयास कर सकते हैं.
- सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को टीके का पर्याप्त आवंटन सुनिश्चित करें, ताकि वे वैक्सीन सेंटर के रूप में कार्य करने में सक्षम हो सकें.
- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से दोहराया गया कि कोविड टीकों की कोई कमी नहीं है, इसलिए वैक्सीन सेंटर को पर्याप्त खुराक आवंटित की जानी चाहिए. राज्य/ संघ शासित प्रदेश और जिला स्तरों पर कोविड टीकों के बफर स्टॉक का भंडारण या संरक्षण नहीं करना चाहिए. केंद्र सरकार के पास पर्याप्त स्टॉक है और राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आवश्यक वैक्सीन खुराक प्रदान करेगा.
- सभी निजी टीकाकरण केंद्रों में बैठने, पानी, उचित सैनिटाइजेशन की सुविधाओं के साथ प्रभावी भीड़ प्रबंधन प्रोटोकॉल होने चाहिए.
- निजी अस्पतालों के परामर्श से राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को टीकाकरण स्लॉट 15 दिनों से एक महीने के लिए खोलने चाहिए और इसे अपने वैक्सीन टाइम टेबल के हिस्से के रूप में घोषित करना चाहिए.
बता दें कि एक मार्च से 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों और 45 साल से ज्यादा उम्र के वे लोग जिन्हें गंभीर बीमारी है उनका वैक्सीनेशन शुरू हो चुका है. 60 साल से ज्यादा उम्र के अब तक 4,34,981 लाभर्थियों को वैक्सीन की पहली डोज दी जा चुकी है. वहीं 45 साल से ज्यादा उम्र के 60,020 लोगों को टीका लग चुका है. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक अब तक कुल 1,54,61,864 डोज दी जा चुकी है.
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