महिला सुरक्षा पर संसदीय समिति ने ट्विटर, फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम के नुमाइंदों को किया तलब
वहीं गुरुवार को निर्धारित बैठक में फेसबुक समूह को तलब किया गया है. जिसमें फेसबुक के साथ साथ व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम के नुमाइंदे भी शामिल हैं.
नई दिल्ली: दुष्कर्म की ताजा घटनाओं के बाद महिला सुरक्षा पर देश भर में उठी चिंताओं के बीच महिला सशक्तिकरण सम्बन्धी संसदीय समिति ने सोशल मीडिया कम्पनियों के नुमाइंदों को तलब किया है. समिति की 4 और 5 दिसम्बर को बैठक बुलाई गई है. जिसमें ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम के प्रतिनिधियों को बुलाया गया है.
समिति ने सायबर सेफ्टी और महिला सुरक्षा के मुद्दे पर बुधवार को बुलाई गई बैठक में सोशल मीडिया कम्पनी ट्विटर के प्रतिनिधियों को बुलाया है. वहीं गुरुवार को निर्धारित बैठक में फेसबुक समूह को तलब किया गया है. जिसमें फेसबुक के साथ साथ व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम के नुमाइंदे भी शामिल हैं. सूत्रों के मुताबिक बैठक में इन कंपनियों से पूछा जाएगा कि वो भारत में महिलाओं की सुरक्षा से जुड़े मुद्दों और अश्लील सामग्री की रोकथाम के लिए क्या कदम उठा रही हैं. समिति की पिछली बैठकों में कई सदस्यों की राय थी कि महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उपायों के लिए जरूरी है कि सायबर सेफ्टी और सोशल मीडिया में समुचित नियमन पर भी ध्यान दिया जाए.समिति की 21 नवम्बर को हुई बैठक में गृह मंत्रालय, महिला बाल विकास और इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के प्रतिनिधियों ने सदस्यों को ब्रीफ किया था. लोकसभा में मंगलवार को पूछे गए एक सवाल के जवाब में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा प्राथमिकता का विषय है. हालांकि मंत्रालय ने फेसबुक के जरिए महिलाओं को निशाना बनाए जाने सम्बन्धी मामले पर किसी केंद्रीय डेटाबेस से इनकार किया. मगर इतना जरूर कहा कि इस बारे में राज्य की पुलिस एजेंसियां सभी जरूरी कानूनी कदम उठाती हैं.
गृहमंत्री के मुताबिक अब तक नेशनल डाटाबेस ऑफ सेक्सुअल ऑफेंडर्स में 5 लाख लोगों के नाम मुकदमें दर्ज किए जा चुके हैं. बीते एक साल के दौरान महिलाओं के खिलाफ अपराध की रोकथाम के लिए गृह मंत्रालय ने कई नए तकनीकी उपायों को लॉन्च किया था. इसमें सायबर क्राइम पोर्टल शामिल है. जिसपर आम नागरिक अश्लील सामग्री के बारे में रिपोर्ट कर सकते हैं. साथ ही सभी पुलिस एजेंसियों को यौन अपराध ट्रेकिंग के लिएइन्वेस्टिगेशन ट्रैकिंग सिस्टम फॉर सेक्सुअल ऑफेंसेज भी दिया गया है.
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