मेघालय हाई कोर्ट ने मांस की दुकानों में जानवरों के शवों के प्रदर्शन पर लगाई रोक, राज्य सरकार को दिए ये निर्देेश
Meghalaya Animal Carcasses Ban: गौ ज्ञान फाउंडेशन की जनहित याचिका पर मेघालय हाई कोर्ट ने कहा कि दुकान मांस का सार्वजनिक रूप से प्रदर्शन नहीं कर सकते.
Meghalaya Animal Carcasses Ban: मेघालय हाई कोर्ट (Meghalaya High Court) ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह मांस की दुकानों में मारे गए जानवरों के शवों के प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाए. कोर्ट ने शुक्रवार(26 मई) को एक जनहित याचिका (PIL) पर फैसला देते हुए यह आदेश दिया.
मेघालय हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी (Sanjib Banerjee) की अगुवाई वाली खंड पीठ ने अपने फैसले में कहा, ‘‘राज्य सरकार मिसाल कायम करने के लिए अच्छी तरह से काम करेगी और मांस की दुकानों में मारे गए जनवरों के शवों के प्रदर्शन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाएगी, हालांकि उन्हें रेफ्रीजरेटर या किसी अन्य बर्तन में रखा जा सकता है. मृत जानवरों के शवों को एक परिसर के अंदर भी प्रदर्शित किया जा सकता है, लेकिन इसका बाहर सार्वजनिक रूप से प्रदर्शन नहीं कर सकते.
राज्य सरकार ने क्या कहा?
पीठ ने कहा कि उम्मीद है कि इस तरह की खामियों पर ध्यान दिया जाएगा और राज्य सरकार जानवरों के लिए अधिक नैतिक उपचार सुनिश्चित करेगी भले ही उन्हें मानव के उपभोग के लिए चुना गया हो. इस पर कोनराड के. संगमा सरकार ने कोर्ट में कहा कि इस संबंध में जून, 2022 में विस्तृत उपाय किए गए हैं और बार-बार दिए गए निर्देशों का पालन किया गया.
किसने याचिका दायर की?
जनहित याचिका (PIL) गौ ज्ञान फाउंडेशन (Go Gyan Foundation) (एक गैर सरकारी संगठन) की ओर से दायर की गई थी जो गायों की रक्षा और संरक्षण के लिए काम करता है. पीठ ने कहा कि केंद्रीय कानून और स्थानीय नियमन के बावजूद याचिकाओं ने दिखाया कि ज्यादातर दिशा निर्देशों और मानकों का पालन नहीं किया जा रहा है और स्थानीय स्तर की समितियां सक्रिय नहीं हैं. इसको देखते हुए हम ये आदेश दे रहे हैं.