Meghalaya Assembly Chaos: देश के अलग-अलग हिस्सों में हिंदी भाषा को लेकर चल रहे घमासान के बीच मेघालय विधानसभा में बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल फागू चौहान के अभिभाषण के दौरान भारी हंगामा देखा गया. वो विधानसभा को हिंदी में संबोधित कर रहे थे, जिससे वॉयस ऑफ द पीपल्स पार्टी (वीपीपी) के विधायक नाराज हो गए.


विधानसभा अध्यक्ष थॉमस ए संगमा और मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि राज्यपाल का अनुवाद किया हुआ अभिभाषण वितरित किया गया है क्योंकि अंग्रेजी में उनके पढ़ने की कुछ सीमाएं हैं. हालांकि, वीपीपी के अध्यक्ष आर्डेंट बसईऑवमोइत और तीन अन्य पार्टी विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया. इससे पहले सीएम संगमा और आर्डेंट के बीच नोंकझोंक भी देखी गई. आर्डेंट बसईऑवमोइत ने कहा कि मेघालय हिंदी भाषी राज्य नहीं है और राज्यपाल का हिंदी में भाषण लोगों की भावनाओं के खिलाफ है.


क्या बोले आर्डेंट?


आर्डेंट ने विधानसभा में कहा, ‘‘हमें हिंदीभाषी राज्यपाल भेजे जाते हैं. वे क्या कह रहे हैं, हमें समझ नहीं आया, इसलिए हम वॉकआउट कर रहे हैं.’’ उन्होंने सदन से वॉकआउट करते हुए कहा, ‘‘हम इस कार्यवाही का हिस्सा नहीं बनना चाहते और जो अपमानित महसूस नहीं कर रहे, वे सदन में बैठे रह सकते हैं. हम इसका हिस्सा नहीं बनना चाहते.’’ विपक्षी विधायकों ने जोर देते हुए कहा कि मेघालय विधानसभा की आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है. विधायकों ने ये भी कहा कि केंद्र मेघालय के लोगों पर हिंदी थोप नहीं सकता.


हिंदी थोपने का आरोप


वहीं, एनपीपी विधायक और स्वास्थ्य मंत्री अम्पारीन लिंगदोह ने कहा कि उन्हें अंग्रेजी में लिखित भाषण देने के बावजूद भाषा को समझने में मुश्किल हो रही है. मेघालय में ये घटना तब सामने आई है जब दक्षिण और पूर्व में कई गैर-हिंदी भाषी राज्य केंद्र पर हिंदी थोपने का आरोप लगा रहे हैं.


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