राहुल गांधी का तंज- PM मोदी कैमरों के सामने पोज देने की बजाय प्लीज खदान में फंसे मजदूरों को बचाइए
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि पानी से भरी कोयले की खदान में पिछले दो हफ्ते से 15 खनिक सांस लेने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. इस बीच, प्रधानमंत्री बोगिबील सेतु पर कैमरों के सामने पोज देते हुए अकड़कर चलने के लिए चल रहे थे.
नई दिल्ली: मेघालय के जयंतिया हिल्स स्थित कोयला खदान में पिछले 13 दिनों से करीब 15 मजदूर फंसे हैं. तमाम कोशिशों के बावजूद मजदूर बचाव दल की पहुंच से दूर हैं. अब इस मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सीधा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह कैमरों के सामने पोज देने की बजाय, मजदूरों को बचाएं.
कांग्रेस अध्यक्ष ने ट्वीट कर कहा, ‘‘पानी से भरी कोयले की खदान में पिछले दो हफ्ते से 15 खनिक (खदान में काम करने वाले मजदूर) सांस लेने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. इस बीच, प्रधानमंत्री बोगीबील सेतु पर कैमरों के सामने पोज देते हुए अकड़कर चलने के लिए चल रहे थे. उनकी सरकार ने बचाव के लिए हाई प्रेशर वाले पंपों की व्यवस्था करने से इनकार कर दिया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री जी, कृपया खनिकों को बचाइए.’’
इससे पहले कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, '11 दिनों से 15 खनिक मेघालय के जयंतिया हिल्स में मुश्किल हालात में फंसे हुए हैं. पानी निकालने का काम तत्काल तेज किया जाना चाहिए. एक-एक मिनट महत्वपूर्ण है." उन्होंने कहा, 'मोदी सरकार की ओर से देर से प्रतिक्रिया की गई. मैं खनिकों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करने खुद को राष्ट्र के साथ शामिल करता हूं.'
More than 13 days on, as 15 miners are stuck at the difficult terrain in Jaintia Hills, Meghalaya.
Water extraction should be swiftly expedited. Every minute is crucial. Belated response by Modi Govt notwithstanding, I join the nation in praying for their well-being & safety. — Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) December 26, 2018
पिछले दिनों पुलिस ने खदान के मालिक को गिरफ्तार किया था. खदान में नजदीक की लाइतीन नदी का पानी भर जाने से 13 दिसंबर को 15 मजदूर इसमें फंस गए थे. पिछले 13 दिन में खदान से पानी कम होने के कोई संकेत नहीं मिले हैं और कड़ी मशक्कत के बाद भी मजदूरों के बारे में कुछ पता नहीं चल पाया है.
स्थानीय लोगों के अनुसार एक खननकर्मी ने दुर्घटनावश गुफा की दीवार में छेद कर दिया होगा जिससे नदी का पानी अंदर घुस आया होगा. पांच लोग किसी तरह खदान से बाहर निकल आए जबकि शेष मजदूर खदान में ही फंसे रह गए.
उन्होंने बताया कि खदान में फंसे 15 मजदूरों में से सात वेस्ट गारो हिल्स जिले के, असम के पांच और तीन लोग लुमथरी गांव से थे. गौरतरलब है कि मेघालय सरकार ने शनिवार को अवैध कोयला खदान में फंसे 15 लोगों के परिजन को एक-एक लाख रुपये की अंतरिम सहायता देने की घोषणा की और इन लोगों को बचाने के लिए कोल इंडिया लिमिटेड से उच्च शक्ति वाले सबमर्सिबल पंप भेजने का आग्रह भी किया.
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