Meghalaya Election 2023: 60 सीटों के बहुकोणीय मुकाबले में 375 उम्मीदवारों की किस्मत दांव पर, जानिए किस पार्टी के बचे कितने उम्मीदवार
Meghalaya Election 2023: मेघालय के पिछले चुनाव में किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला था. कांग्रेस 21 सीट पर जीत दर्ज कर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी, लेकिन वह बहुमत से दूर रह गई.
Meghalaya Election 2023 Final Candidates List: मेघालय विधानसभा की 60 सीटों के लिए 27 फरवरी को होने वाले चुनाव के लिए 375 उम्मीदवार मैदान में बचे हैं. मुख्य निर्वाचन अधिकारी एफआर खारकोंगोर ने शुक्रवार (10 फरवरी) को यह जानकारी दी. राज्य में सत्तारूढ़ नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) 57 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जबकि कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सभी 60 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं.
युनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीपी) के 47 प्रत्याशी मैदान में हैं जबकि वीपीपी और एचएसडीपी ने क्रमश: 18 और 11 प्रत्याशी उतारे हैं. सभी दल अपने स्तर पर चुनाव लड़ रहे हैं. ऐसे में इस बार रोचक मुकाबले की उम्मीद जताई जा रही है.
4 प्रत्याशियों के नामांकन हुए रद्द
एफआर खारकोंगोर ने शुक्रवार को नामांकन वापस लेने की अवधि पूरी होने के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि आज नाम वापस लेने की अवधि समाप्त होने के बाद 375 प्रत्याशी ही मैदान में बचे हैं. उन्होंने बताया कि नामांकन की जांच के दौरान चार प्रत्याशियों के नामांकन को रद्द कर दिया गया, जिनमें एनपीपी के तीन और यूडीपी के दो उम्मीदवार शामिल हैं. उन्होंने बताया कि चुनाव मैदान में बचे 375 उम्मीदवारों में 339 पुरुष और 36 महिलाएं शामिल हैं.
2 मार्च को होगी वोटों की गिनती
मेघालय विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 27 फरवरी को होगा. नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख सात फरवरी है. मतगणना दो मार्च को की जाएगी. बीजेपी ने पिछले विधानसभा चुनाव में 47 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे और उसे महज दो ही सीट पर जीत मिली थी. सात सीटों पर उसके उम्मीदवार दूसरे और 12 सीटों पर उसके उम्मीदवार तीसरे स्थान पर थे. सिन्हा ने कहा कि मेघालय की जनता भ्रष्टाचार और बीजेपी शासित पड़ोस के राज्यों के मुकाबले इस राज्य के विकास की धीमी गति से परेशान है.
पिछले विधानसभा चुनाव में ये थी स्थिति
मेघालय के पिछले चुनाव में किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला था. कांग्रेस 21 सीट पर जीत दर्ज कर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी, लेकिन वह बहुमत से दूर रह गई. कोनराड संगमा के नेतृत्व वाली एनपीपी 19 सीट पर जीत के साथ दूसरे नंबर पर थी. प्रदेश की यूडीपी के छह सदस्य चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. इसी प्रकार राज्य की पीडीएफ को चार सीट पर जीत मिली थी और बीजेपी तथा एचएसपीडीपी को दो-दो सीट पर सफलता मिली थी. चुनावी नतीजों के बाद संगमा ने बीजेपी, यूडीपी, पीडीएफ, एचपीपीडीपी और एक निर्दलीय के साथ मिलकर गठबंधन की सरकार बनाई और वह राज्य के मुख्यमंत्री बने.
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