Meghalaya Assembly Election Result 2023: पूर्वोत्तर के तीन राज्य मेघालय, त्रिपुरा और नगालैंड के विधानसभा चुनाव के परिणाम आ चुके हैं. त्रिपुरा और नगालैंड में बीजेपी ने एक बार फिर वापसी की है तो वहीं मेघालय में पेंच फंस गया. यहां हुए रोमांचक मुकाबले में किसी भी पार्टी के पास बहुमत नहीं है. 60 सीटों वाली विधानसभा में 59 सीटों पर चुनाव हुए थे. एक सीट पर प्रत्याशी की मौत के चुनाव रद्द हो गया था. राज्य के नतीजों ने सभी को हैरान कर दिया है.


मेघालय में एनपीपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है और 24 सीटें जीतकर 2 पर बढ़त बनाए हुए है. दूसरे नंबर पर यूडीपी रही जिसने 11 सीटें जीतीं. तो वहीं, बीजेपी ने 3, टीएमसी ने 5, कांग्रेस ने 5 सीटें जीती हैं. दो निर्दलीय विधायक भी चुने गए. एचएसपीडीपी और पीडीएस ने दो-दो सीटों पर जीत हासिल की. वहीं, वाइस ऑफ द पीपल पार्टी के 4 विधायकों ने फतेह हासिल की है. खास बात ये कि इस बार बीजेपी ने राज्य की सभी सीटों पर चुनाव लड़ा और लगातार सत्तारूढ़ एनपीपी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए निशाना साधती रही. इतनी जद्दोजहद के बाद पार्टी ने सिर्फ 3 सीटों पर जीत हासिल कर पाई है.


हर पार्टी को कितना वोट शेयर?


पार्टी वाइज वोट शेयर की अगर बात करें तो एनपीपी को सबसे ज्यादा 31.42 प्रतिशत वोट मिले हैं. इसके बाद 16.24 प्रतिशत यूडीपी, टीएमसी को 13.79 प्रतिशत, कांग्रेस को 13.17 प्रतिशत, इसके बाद अन्य को 9.78 प्रतिशत, बीजेपी को 9.30 प्रतिशत, एचएसपीडीपी को 9.56 प्रतिशत, पीडीएफ को 1.89 प्रतिशत, जेडीयू को 0.06 प्रतिशत और नोटा के लिए 0.80 प्रतिशत वोट पड़े.


साल 2018 का आंकड़ा


साल 2018 में एनपीपी 52 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और 19 सीटों पर जीत हासिल की थी. पार्टी का वोट प्रतिशत 20.60 था. कांग्रेस 60 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और 21 सीटों पर जीत हासिल की थी. इसको वोट प्रतिशत 28.50 प्रतिशत रहा था. बीजेपी 47 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और पिछली बार 2 सीटें जीती थी. पार्टी का वोट प्रतिशत 9.63 रहा था. टीएमसी 8 सीटों पर लड़ी और एक भी सीट नहीं निकाल पाई थी. वोट प्रतिशत 0.35 था.


वहीं, यूडीपी 35 सीटों पर लड़ी और 6 सीटें जीती. वोट प्रतिशत 11.61 था. एनसीपी ने 21 सीटों पर चुनाव लड़ा और एक सीट निकाल पाई थी. वोट प्रतिशत 1.61 था. एचएसपीडीपी ने 13 सीटों पर चुनाव लड़ा और दो सीटें जीती. वोट प्रतिशत 5.35 था. वहीं, पीडीएफ ने 26 सीटों पर चुनाव लड़ा तो 4 सीटें जीती थी और इसका वोट प्रतिशत 8.17 रहा.


क्या कह रहा गणित?


पिछली बार मेघालय में बीजेपी कोनराड संगमा के नेतृत्व वाली सरकार में भागीदार थी लेकिन चुनाव से पहले उसने ये गठबंधन तोड़ लिया था. पार्टी को उम्मीद थी कि विधानसभा में उसकी ताकत बढ़ेगी और विधायकों की संख्या में वृद्धि होगी लेकिन ऐसा हो न सका. पिछले चुनाव के बाद राज्य में त्रिशंकु विधानसभा बनी थी और इस बार भी इसी तरह के समीकरण निकल कर आ रहे हैं.


इस बार के मतदान के बाद पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए बीजेपी के रणनीतिकार और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व शर्मा ने कोनराड संगमा से मुलाकात की थी और संकेत दिया था कि दोनों दल फिर से साथ मिलकर काम कर सकते हैं.


वहीं, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने गृह मंत्री अमित शाह से फोन पर बात की और नई सरकार के गठन के लिए बीजेपी से सपोर्ट मांगा है. इस बात की जानकारी असम के सीएम हेमंत बिस्वा सरमा ने ट्वीट कर दी है. इस घटनाक्रम से साफ हो गया है कि सरकार बनाने के लिए गठबंधन की सरकार विकल्प हो सकती है.


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