नई दिल्लीः मेघालय के अवैध कोयला खदान में फंसे 15 खनिकों को निकालने के लिए किए गए प्रयासों के बारे में केंद्र सरकार ने आज सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी. केंद्र ने कोर्ट को बताया है कि अवैध खदान नदी के नजदीक है इस कारण उसमें पानी घुस गया है जिससे राहत और बचाव कार्य में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही केंद्र ने कोर्ट में यह भी बताया है कि खदान का कोई खाका नहीं है जिससे कि खनिकों को निकालने में दिक्कत आ रही है.


केंद्र ने कोर्ट में बताया कि सरकार सभी खनिकों को निकालने के तेजी से कदम उठा रही है. हालांकि खदान में पानी रिसने के कारण बचाव अभियान बाधित हो रहा है. जिसके बाद कोर्ट ने केंद्र को कहा कि अन्य सभी प्राधिकारियों से बात सात जनवरी को रिपोर्ट जमा करें.


खनिकों को सुरक्षित बाहर निकालने को लेकर कोर्ट ने कहा था कि जल्द से जल्द खदान में फंसे लोगों को बाहर निकाला जाए. क्योंकि यह जिंदगी और मौत का सवाल है. कोर्ट ने आदेश दिया था कि उन्हें बचाने के लिए शीघ्र, तत्काल और प्रभावी अभियान चलाने की जरूरत है.


फंसे खनिकों को लेकर कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा था कि लगभग तीन हफ्ते से खदान फंसे लोगों के लिए प्रत्येक मिनट कीमती हैं. इससे पहले कोर्ट ने कहा था कि उन सभी 15 खनिकों को बचाने के लिए जो काम सरकार करेगी उसके बारे में कोर्ट को भी अवगत करवाएं.


जस्टिस ए के सीकरी और जस्टिस एस अब्दुल नजीर की पीठ ने केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा था कि शुक्रवार तक सरकार के उन कदमों से कोर्ट को अवगत कराया जाये जो इन श्रमिकों को बचाने के लिए उठाए जा रहे हैं.


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