Meghalaya Politics: मेघायल में नाटकीय राजनीतिक घटनाक्रम! एनपीपी ने यूडीपी को झटका देते हुए कांग्रेस से मिलाया हाथ
UDP NPP Alliance: मेघालय के इस राजनीतिक घटनाक्रम ने राज्य की राजनीति को काफी दिलचस्प बना दिया है, क्योंकि मेघायल सरकार में एनपीपी और यूडीपी का गठबंधन है.
Meghalaya District Council Panel: मेघालय के सत्तारूढ़ गठबंधन की अगुवाई वाली पार्टी एनपीपी ने स्थानीय जिला परिषद की कार्यकारी समिति में अपनी सहयोगी यूडीपी को झटका दे दिया है. एनपीपी ने विपक्षी कांग्रेस के साथ हाथ मिलाकर गठबंधन सहयोगी यूडीपी को बाहर कर दिया है.
यह घटनाक्रम मेघालय की राजनीति में काफी दिलचस्प माना जा रहा है, क्योंकि मेघायल सरकार में एनपीपी और यूडीपी का गठबंधन है. इस घटनाक्रम के बाद एनपीपी के एक नेता एक स्वायत्त जिला परिषद की कार्यकारी समिति के प्रमुख बन गए हैं.
अल्पमत में आई यूडीपी
नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) के खासी हिल्स स्वायत्त जिला परिषद के सदस्य, पिनीएड सिंग सयीम ने टिटोस्टारवेल चाइन के नेतृत्व वाली यूनाइटेड डेमोक्रेटिक एलायंस कार्यकारी समिति के खिलाफ विद्रोह का नेतृत्व किया. उसके चलते यूडीपी सोमवार को 30 सदस्यीय सदन में अल्पमत में आ गई.
एनपीपी के बाजोप पिनग्रोप लाए अविश्वास प्रस्ताव
नेशनल पीपुल्स पार्टी के बाजोप पिनग्रोप यह अविश्वास प्रस्ताव लाए थे, जिसपर मतदान के दौरान अपनी हार के बाद स्वायत्त जिला परिषद में चाइन के नेतृत्व वाली कार्यकारी समिति ने अपना बहुमत खो दिया. खासी हिल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट (KHDF) के प्रमुख सयीम ने मंगलवार (20 जून) को मुख्य कार्यकारी सदस्य के रूप में शपथ ली.
एनपीपी-कांग्रेस गठबंधन
इस पद के लिए कोई अन्य दावेदार नहीं था. एनपीपी का एक नेता एक स्वायत्त जिला परिषद की कार्यकारी समिति का प्रमुख बन गया है. परिषद को संचालित करने के लिए एनपीपी-कांग्रेस गठबंधन को केएचडीएफ नाम दिया गया है. वर्तमान परिषद का पांच साल का कार्यकाल अगले साल की शुरुआत तक है.
कांग्रेस ने परिषद में एनपीपी को समर्थन के अपने फैसले का बचाव किया है. विधानसभा में विपक्ष के नेता आर.वी. लिंगदोह ने कहा कि राज्य के आदिवासी लोगों के हितों की रक्षा के लिए पार्टी (कांग्रेस) परिषद में एनपीपी का समर्थन कर रही है. अगर हम एनपीपी का समर्थन नहीं करते तो किसी भी दल को पर्याप्त बहुमत नहीं होने की स्थिति में परिषद की बागडोर संभवतः प्रशासक को सौंप दी जाती.