(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
मेघालय में भी TMC ने दिया कांग्रेस को झटका, 17 में से 12 विधायक तोड़े, दिल्ली में होने के बाद भी सोनिया से ममता ने नहीं की मुलाकात
Meghalaya congress: मेघालय में कांग्रेस के 12 विधायक TMC के साथ चले गए. मेघालय के पूर्व सीएम मुकुल संगमा का नाम भी इसमें शामिल है.
Meghalaya congress: मेघालय में कांग्रेस के पास 17 विधायक थे. सूत्रों के मुताबिक इनमें से 12 TMC के साथ चले गए. मेघालय के पूर्व सीएम मुकुल संगमा का नाम भी इसमें शामिल है. आज संगमा इस बारे में औपचारिक ऐलान कर सकते हैं. इधर, बंगाल सीएम ममता बनर्जी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में होने के बावजूद उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात नहीं की. ईस्ट खासी हिल्स जिले के मौसीनराम से विधायक शंगप्लियांग ने बुधवार रात को समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, “मेघालय में कांग्रेस के 17 में से 12 विधायकों ने तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने का निर्णय लिया है. हम पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा के नेतृत्व में औपचारिक रूप से तृणमूल कांग्रेस में शामिल होंगे.” उन्होंने कहा कि कांग्रेस के विधायक दोपहर एक बजे एक कार्यक्रम में तृणमूल कांग्रेस में शामिल होंगे.
शिलांग में एक अधिकारी ने बताया कि कांग्रेस से अलग होकर तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने वाले विधायकों के समूह ने विधानसभा अध्यक्ष एम लिंगदोह को विधायकों की सूची सौंपी है और उन्हें अपने निर्णय के बारे में बताया है. इस ऐलान के साथ ही मेघायल में TMC मुख्य विपक्षी दल बन जाएगी. इससे पहले कांग्रेस छोड़ कर टीएमसी में शामिल होने वालों की फेहरिस्त देख लीजिए. झारखंड और बिहार की राजनीति का चेहरा पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद हाल ही में टीएमसी में शामिल हुए हैं. महिला कांग्रेस अध्यक्ष रही सुष्मिता देव पहले ही टीएमसी में शामिल हो चुकी हैं.
गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री लिईजिन्हो फेलेरियो कांग्रेस के हाथ को छोड़ चुके हैं. पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी ने कांग्रेस को टाटा कह कर ममता खेमे में चले गए और उत्तर प्रदेश से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे कमलापति त्रिपाठी के प्रपौत्र ललितेश पति त्रिपाठी भी टीएमसी में शामिल होने वाले लोगों में शामिल हैं. ऐसे में कांग्रेस का ममता से नाराज होना स्वाभाविक ही है. दरअसल ममता बनर्जी लगातार दावा कर रही हैं कि वो पीएम मोदी के मुकाबले में टीएमसी को खड़ा करना चाहती हैं लेकिन इसके लिए उसे विस्तार की जरूर होगी. विस्तार में सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस का हो रहा है.
टीएमसी जितना ताकतवर होगी कांग्रेस के लिए भारतीय राजनीति में जगह उतनी कम होती जाएगी. वैसे कभी ममता बनर्जी खुद कांग्रेस का हिस्सा हुआ करती थीं लेकिन कांग्रेस से विद्रोह कर ही ममता ने टीएमसी बनाई और आज कांग्रेस का पत्ता पश्चिम बंगाल से ही लगभग साफ हो गया है. सवाल ये है कि क्या यही काम ममता पूरे देश में करने वाली हैं.
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