श्रीनगर: पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती धन शोधन के एक मामले में गुरुवार को यहां प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश हुईं और उनसे करीब पांच घंटे तक पूछताछ की गई. बाद में मुफ्ती ने आरोप लगाया कि असहमति को आपराधिक रूप दिया जा रहा है और विपक्ष को चुप कराने के लिए सीबीआई, एनआईए और ईडी जैसे केंद्रीय एजेंसियों का 'दुरुपयोग' किया जा रहा है.


पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि जो कोई भी वर्तमान सरकार का विरोध कर रहा है, उसे राजद्रोह और धन शोधन जैसे आरोप लगाकर भयभीत किया जा रहा है. श्रीनगर में राजबाग स्थित ईडी कार्यालय से निकलते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा, 'देश में असंतोष का आपराधीकरण किया जा रहा है. विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए ईडी, सीबीआई और एनआईए का दुरुपयोग किया जा रहा है.' मुफ्ती ने कहा, 'इस देश को संविधान के मुताबिक नहीं बल्कि एक विशेष राजनीतिक दल के एजेंडा के तहत चलाया जा रहा है.'


इस बारे में हुई पूछताछ


ईडी के जरिए उनसे पूछे गए सवालों के बारे में पीडीपी अध्यक्ष ने कहा कि उनसे अनंतनाग जिले के बिजबिहारा इलाके में स्थित पैतृक भूमि की बिक्री और मुख्यमंत्री के विवेकाधीन कोष के संबंध में पूछताछ की गई. इससे पहले अधिकारियों ने बताया कि मुफ्ती धन शोधन मामले में पूछताछ का सामना करने के लिए सुबह 11 बजे राजबाग में स्थित ईडी कार्यालय पहुंचीं.


पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष सोमवार को दिल्ली में एजेंसी के समक्ष पेश नहीं हुई थीं. उन्होंने कहा था कि उनके पहले से ही कुछ कार्यक्रम हैं जिन्हें रद्द नहीं किया जा सकता. उन्होंने ईडी अधिकारियों से दिल्ली के बजाय श्रीनगर में ही पूछताछ करने का अनुरोध किया था, जिसे मंजूर कर लिया गया.


दिया था नोटिस


जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा हटाए जाने के बाद एक साल से अधिक समय तक नजरबंदी में रहने के बाद 61 वर्षीय नेता को पिछले साल रिहा किया गया था. उन्हें राष्ट्रीय राजधानी में ईडी मुख्यालय में पेश होने के लिए नोटिस दिया गया था. दिल्ली हाईकोर्ट ने 19 मार्च को उन्हें दिए समन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. उन्होंने अदालत से मामले में दिए समन को रद्द करने की मांग की थी.


ईडी ने उस समय उन पर व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए जोर नहीं दिया था. ईडी ने इससे पहले मुफ्ती को 15 मार्च को पेश होने के लिए कहा था. मुफ्ती ने ईडी को लिखे पत्र में कहा, 'मैं आपको 22 मार्च को आपके दिल्ली कार्यालय में पेश होने के लिए जारी समन के संदर्भ में लिख रही हूं. मैंने पीएमएलए (धन शोधन निवारण कानून) के अनुच्छेद 50 की संवैधानिक शक्तियों को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी है.'


पीडीपी नेता ने कहा था, 'मैं 22 मार्च को पेश होने की स्थिति में नहीं हूं क्योंकि मेरे पहले से कुछ कार्यक्रम हैं जिन्हें इतने कम वक्त में रद्द नहीं किया जा सकता है.' उन्होंने अपने पत्र में कहा, 'मैं श्रीनगर में खासतौर से अपने आवास पर या वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पूछताछ में शामिल होने के लिए तैयार हूं.'


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