महबूबा मुफ्ती की केंद्र को सलाह, कहा- हुर्रियतकी गलती ना दोहराएं, बातचीत का मौका ना गवाएं
महबूबा मुप्ती ने केंद्र सरकार को सलाह देते हुए कहा है कि हुर्रियत की गलती ना दोहराएं. हाल ही में जम्मू कश्मीर में 6 महीने के लिए राष्ट्रपति शासन को बढ़ाया गया है. इसके लिए सरकार ने दोनों सदनों में बिल पास करवाया.
नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने हुर्रियत नेताओं से बातचीत को लेकर बड़ा बयान दिया है. महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि हुर्रियत का नरम धड़ा सरकार से बातचीत के लिए तैयार है और केंद्र को इस मौके को गंवाना नहीं चाहिए. महबूबा मुप्ती ने केंद्र सरकार को सलाह देते हुए कहा है कि हुर्रियत की गलती ना दोहराएं. हाल ही में जम्मू कश्मीर में 6 महीने के लिए राष्ट्रपति शासन को बढ़ाया गया है. इसके लिए सरकार ने दोनों सदनों में बिल पास करवाया.
महबूबा मुफ्ती ने कहा, ''2016 में जब हालात बहुत खराब हुए तो हिंदुस्तान से सांसदों का एक बहुत बड़ा डेलिगेशन आया. वो हुर्रियत के घरों में गए , दरवाजों पर गए कि भई दरवाजा खोलिए और हमें बताइये क्या तकलीफ है, लेकिन दुर्भाग्य से उस वक्त कोई सिलसिला आगे चल नहीं सका. उसके बाद बार बार राजनाथ सिंह जी कहते रहे कि मैं बातचीत के लिए तैयार हूं लेकिन यहां से कोई जवाब नहीं मिला. इसी तरह एक महीने का सीजफायर हो गया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. मेरे ख्याल से उस समय जो भूल हमारे अलगाववादी नेताओं ने की, केंद्र सरकार को कोई जवाब नहीं दिया.''
Mehbooba Mufti, PDP: It is being said by the moderate faction of Hurriyat, that they are ready to talk. If Hurriyat is ready today to talk then Central govt should use this opportunity & must initiate to have a dialogue with Hurriyat. pic.twitter.com/IgxouFgU3i
— ANI (@ANI) July 7, 2019
महबूबा मुफ्ती ने आगे कहा, ''मुझे लगता है कि आज वही गलती केंद्र सरकार की तरफ से दोहराई जा रही है. मुझे नहीं मालूम कि उनको किस ताकत का अंदाजा है , किस ताकत के बलबूते पर वो जम्मू-कश्मीर के मसले को हल करना चाहते हैं. आज उनके पास मौका है कि वो हुर्रियत के साथ बात करें. हुर्रियत का नरमपंथी धड़ा कह रहा है कि वो बातचीत के लिए तैयार हैं. देर आय दुरुस्त आए. अगर आज हुर्रियत तैयार है बातचीत के लिए तो मेरा ख्याल है कि केंद्र सरकार को इसका फायदा उठाना चाहिए.''
मोदी सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि वो अलगाववादी नेताओं से किसी तरह की कोई बातचीत नहीं करेगी. गृह मंत्रालय के सूत्रों ने हाल ही में अलगाववादियों की शर्तों मानने से इनकार कर दिया था. सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने साफ तौर पर कहा कि अभी तक जो होता रहा है. अब वो नहीं होगा. हाल ही में कश्मीर दौरे पर पहुंचे अमित शाह ने कहा था कि अब देश विरोधी गतिविधि कतई बर्दाश्त नहीं की जाएंगी. उन्होंने कहा कि सरकार हर हाल में कश्मीर के हालात सुधारेगी.
दवाब में है हुर्रियत लीडरशिप गृह मंत्री अमित शाह के इस स्पष्ट और कड़े रूख से हुर्रियत नेताओं में हडकंप है. हुर्रियत नेता अब बातचीत के लिए नए रास्तों की तलाश कर रहे हैं. महबूबा मुफ्ती का बयान इसी ओर इशारा करता है. दरअसल, कई हुर्रियत और अलगाववादी नेता टेरर फंडिग के मामले में जेल में हैं. इस वजह से हुर्रियत लीडरशिप दवाब में है. जेल में बंद कई नेता हुर्रियत लीडरशिप पर अपना दवाब डाल रहे हैं.