Pegasus Hacking: 'पेगासस के जरिए हैक हुआ मेरा फोन...', महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा ने लगाया बड़ा आरोप
Iltija Mufti News: पेगासस सॉफ्टवेयर को लेकर विपक्ष आरोप लगाता जा रहा है कि इसके जरिए उनके मोबाइल फोन को हैक करने का प्रयास किया गया है. पिछले साल भी कई नेताओं ने ऐसे आरोप लगाए थे.
Pegasus Software: इजरायल की एक कंपनी एनएसओ के जरिए बनाया गया पेगासस सॉफ्टवेयर एक बार फिर से चर्चा में है. जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने आरोप लगाया है कि इस जासूसी सॉफ्टवेयर के जरिए उनके मोबाइल फोन को हैक किया गया है. उन्होंने अपने आईफोन पर आए अलर्ट के स्क्रीनशॉट को शेयर करते हुए ये दावा किया है. इल्तिजा ने हैकिंग को लेकर बीजेपी पर आरोप लगाया है और पूछा है कि वह कितना नीचे गिरेगी.
इल्तिजा ने बुधवार (10 जुलाई) को एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "एक एप्पल अलर्ट आया कि मेरे फोन को पेगासस के जरिए हैक किया गया है, जिसे भारत सरकार ने आलोचकों और राजनीतिक विरोधियों को परेशान करने के लिए खरीदा और हथियार बनाया है. बीजेपी बेशर्मी से महिलाओं की जासूसी सिर्फ इसलिए करती है क्योंकि हम उनकी बात मानने से इनकार करते हैं. वह और कितना नीचे गिरेगी?" उन्होंने अलर्ट के स्क्रीनशॉट को भी शेयर किया है.
Got an Apple alert that my phone’s been hacked by Pegasus which GOI has admittedly procured & weaponised to harass critics & political opponents. BJP shamelessly snoops on women only because we refuse to toe their line. How low will you stoop? @PMOIndia @HMOIndia pic.twitter.com/ohzbCO8txI
— Iltija Mufti (@IltijaMufti_) July 10, 2024
क्या है पेगासस सॉफ्टवेयर?
पेगासस एक जासूसी सॉफ्टवेयर है, जिसे फोन, लैपटॉप जैसे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में इंस्टॉल कर डाटा चुराया जाता है. इंस्टॉलेशन के बाद ये सॉफ्टवेयर यूजर का डाटा चुराने लगता है. यूजर को पता भी नहीं चलता है और उसका डाटा चुरा लिया जाता है. इस जासूस सॉफ्टवेयर को इजरायली कंपनी एनएसओ ने तैयार किया है. सॉफ्टवेयर के जरिए डिवाइस तक पहुंच हासिल की जाती है और फिर बिना यूजर की जानकारी के डाटा को थर्ड पार्टी तक पहुंचाया जाता है.
एनएसओ ग्रुप का कहना है कि वह इस स्पाईवेयर को सिर्फ सरकारों को ही इस्तेमाल करने की इजाजत देती है. ऐसा इसलिए किया जाता है, ताकि उन्हें आतंकियों और राष्ट्र विरोधी अपराधियों पर नजर रखने में मदद मिल सके. हालांकि, पिछले कुछ सालों से ये सॉफ्टवेयर हमेशा ही चर्चा में रहा है. कई देशों में सरकारों पर आरोप है कि उन्होंने इसका इस्तेमाल अपने विरोधियों पर नजर रखने के लिए किया है.
यह भी पढ़ें: एपल अलर्ट या पेगासस ही नहीं...पहले भी राजनीतिक भूचाल ला चुके हैं हैकिंग और फोन टैपिंग के मुद्दे