नई दिल्ली: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की चीफ महबूबा मुफ्ती और नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला लगातार धारा-370 और चीन को लेकर बयानबाजी कर रहे हैं. इस बीच केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी का एक बयान सामने आया है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि महबूबा मुफ्ती और फारूक अब्दुल्ला को भारत में रहने का कोई अधिकार नहीं है.


केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने आगे कहा, "उनमें से एक का कहना है कि वह चीन की मदद से आर्टिकल 370 को बहाल करेंगे. वो भी ऐसे वक्त में जब चीन हम पर आक्रमण की कोशिश कर रहा है. आखिर आप अंतरराष्ट्रीय समुदाय को संदेश क्या देना चाहते हैं?"





दरअसल, 14 महीने की नजरबंदी से रिहा होने के बाद हाल ही में अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि 'उनकी पार्टी भारतीय तिरंगा नहीं फहराएगी, जब तक कि उन्हें जम्मू-कश्मीर का झंडा फहराने की इजाजत नहीं दी जाती.' पिछले साल 5 अगस्त को संविधान का अनुच्छेद 370 निरस्त होने से पहले, जम्मू और कश्मीर का अलग झंडा और अलग संविधान था.


"महबूबा मुफ्ती को परिवार के साथ पाकिस्तान चले जाना चाहिए"
इससे पहले आर्टिकल-370 खत्म करने को लेकर पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के हालिया बयान पर नाराजगी जताते हुए गुजरात के उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने कहा था कि जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री को यदि भारत और उसके कानून पसंद नहीं हैं तो उन्हें सपरिवार पाकिस्तान चले जाना चाहिए.


वडोदरा के कुराली गांव में उपचुनाव के लिए एक सभा को संबोधित करते हुए पटेल ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह देश की सुरक्षा के लिए नागरिकता संशोधन कानून लाए और उन्होंने अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को खत्म किया. उन्होंने कहा, "महबूबा अनर्गल बयान दे रही हैं. उन्हें हवाई टिकट खरीदने चाहिए और अपने परिवार के साथ कराची चले जाना चाहिए. सभी के लिए यह ठीक होगा."


पटेल ने कहा था, "अगर वह चाहें तो करजन तालुका की जनता उन्हें हवाई टिकट खरीदने के लिए पैसे भेज देगी. जिन्हें भारत पसंद नहीं है या सरकार द्वारा बनाए गए सीएए जैसे कानून या आर्टिकल-370 का खत्म करना पसंद नहीं हैं? उन्हें पाकिस्तान चले जाना चाहिए."


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