संभल की घटना को लेकर भड़की महबूबा मुफ्ती, कहा-अब ये हमारे घरों मे घुसकर मंदिर खोजेंगे
Sambhal Jama Masjid: संभल के जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान शुरू हुई हिंसा सियासी बवाल मचा हुआ है.इस घटना को लेकर कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती का संभल विवाद को लेकर बयान सामने आया है.
Sambhal Jama Masjid: संभल के जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान शुरू हुई हिंसा सियासी बवाल मचा हुआ है. इसी बीच उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को संभल की निचली अदालत से कहा कि वह मुगलकालीन मस्जिद के सर्वेक्षण से संबंधित कोई आदेश पारित न करे। इसने उत्तर प्रदेश सरकार को हिंसा प्रभावित शहर में शांति एवं सद्भाव बनाए रखने का निर्देश दिया।
वहीं, इस घटना को लेकर कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती का संभल विवाद को लेकर बयान सामने आया है. उन्होंने इस मामले का जिम्मेदार पूर्व सीजेआई को बताया है.
महबूबा मुफ्ती ने साधा निशाना
महबूबा मुफ्ती ने कहा, "इसके लिए पूर्व चीफ जस्टिस जिम्मेदार हैं. जिन्होंने गलत काम किया है. उन्होंने ज्ञानवापी मस्जिद पर यह फैसला दिया कि आप सर्वे कर सकते हैं. 1991 का सुप्रीम कोर्ट का अपना एक जजमेंट है कि जो 1947 में हमारे धार्मिक स्थान हैं उसकी नियति बदलनी नही चाहिए वैसी ही रहनी चाहिए. लेकिन चीफ जस्टिस साहब ने एक फैसला दिया कि जिसमें पहले मस्जिदों में शिवलिंग ढूढे जाते थे, अब मस्जिद में सर्वे किए जा रहे हैं और अब अजमेर शरीफ में भी शिवलिंग ढूंढें जा रहे हैं. जहां, काफी संख्या में हिंदू लोग जाते हैं और यह 800 साल पुरानी मस्जिद है."
उन्होंने आगे कहा, "अब लग रहा है कि मुसलमानों के घर में मंदिर ढूंढे जाएंगे. ये लोग देश को तबाही की और ले जा रहे हैं. जो भारत की पहचान जवाहर लाल नेहरू और गांधी ने जो बुनियाद रखी थी, उसको हिलाया जा रहा है.
शशि थरूर ने भी साधा निशाना
संभल की घटना को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, "ये विषय हमारे देश के सामाजिक विचारधारा को खराब करने वाला विषय है. संभल में बहुत बुरी घटना हुई है. हमारे लिए बेहतर होगा कि हम 'प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991' के अनुसार इस प्रकार की चीजों को सुप्रीम कोर्ट के पास पहुंचा कर तय करें. हमारे देश में अभी भविष्य के बारे में सोचने का समय है, हमें 21वीं सदी में 15वीं-16 वीं सदी के विषय पर लड़ कर क्या लाभ होगा?"