Mehbooba Mufti News: जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा, कि अलगाववादी नेता सैयद अली गिलानी के मृत-शरीर के साथ जो व्यवहार किया गया वह अनावश्यक था. साथ ही कहा कि कोई भी जीवित व्यक्ति से लड़ सकता है लेकिन मृत शरीर को सम्मान मिलना चाहिए.
मीडियाकर्मियों से बात करते हुए महबूबा ने कहा कि, वीडियो और समाचार रिपोर्टों से पता चला है कि प्रशासन व्यवहार शव और परिवार के साथ बर्बरतापूर्ण था. उसने कहा कि "आप किसी व्यक्ति के जीवित रहते हुए उससे लड़ सकते हैं, लेकिन एक बार मर जाने के बाद, आपको दूसरों की तरह शरीर का सम्मान करने की आवश्यकता होती है."
भारत सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है- महबूबा
गिलानी के परिवार के खिलाफ नारे लगाने और उनके शरीर को पाकिस्तानी झंडे से ढकने के लिए दर्ज मामलों के बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि, “भारत सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है और ये मुद्दे बहुत छोटे हैं” "सरकार को परिवार की इच्छा के मुताबिक गिलानी का अंतिम संस्कार करने की इजाजत देनी चाहिए थी'
शव के प्रति उदासीन व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए- महबूबा
महबूबा ने कहा कि, “उनका भी गिलानी से मतभेद था लेकिन शव के प्रति उदासीन व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए. "हमने जो देखा वह मानवता के खिलाफ था. सभी की अंतिम इच्छा का सम्मान करना चाहिए. देखी गई घटना भारत की सांस्कृतिक पहचान के खिलाफ थी” महबूबा ने कहा कि कोई भी किसी को बंदूक के बलबूते पर किसी भी नेता से प्यार या नफरत करने के लिए मजबूर नहीं कर सकता है.
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