श्रीनगर: पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को आरोप लगाया कि केन्द्र राज्यपाल सत्यपाल मलिक के जरिए बीजेपी का एजेंडा 'लागू' कर जम्मू कश्मीर में 'आग से खेल रही' है. उन्होंने केन्द्र पर राज्य की 'मुस्लिम बहुल चरित्र को तोड़ने का प्रयास करने' का आरोप लगाया. उन्होंने आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार राज्यपाल के जरिए जो निर्णय ले रही है वह जम्मू कश्मीर के लोग और जन भावना के खिलाफ है.
महबूबा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ''पूरे देश और केन्द्र को स्वीकार करना चाहिए कि यह (जम्मू-कश्मीर) एक मुस्लिम बहुल राज्य है और बड़े समुदाय और साथ ही अल्पसंख्यकों की भी भावनाओं का ख्याल रखते हुए निर्णय लिये जाने चाहिए.''
लद्दाख क्षेत्र को एक डिवीजन का दर्जा दिये जाने के राज्यपाल प्रशासन के निर्णय का हवाला देते हुये पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ''हमने सरकार को चेतावनी दी थी कि यदि आप चुनिंदा रूप से एक डिवीजन बनाते हैं, तो इसके गंभीर परिणाम होंगे.''
उन्होंने कहा, ''उन्होंने ना केवल पीर पंजाल और चेनाब को अन्देखा करके एक संभाग का गठन किया बल्कि इसके मुख्यालय चयन में भी भेदभाव किया. करगिल के लिए लेह शायद श्रीनगर से ज्यादा दूर है.'' राज्य प्रशासनिक परिषद ने पिछले सप्ताह राज्य में एक अलग डिवीजन लद्दाख का गठन किया था और लेह को इसका स्थाई मुख्यालय बनाया था जिसका करगिल में विरोध हुआ था. महबूबा ने बताया कि निर्णय में केन्द्र सरकार का हाथ लगता है.
उन्होंने कहा, ''हम राज्य में अब लिये जा रहे निर्णयों में केन्द्र सरकार का हाथ देख रहे हैं. यह एजेंडा लगता है जिसे हमने बीजेपी को लागू करने नहीं दिया (जब पीडीपी-बीजेपी गठबंधन की सरकार सत्ता में थी) वह अब राज्यपाल के जरिए लागू किया जा रहा है जिसके कारण करगिल में एक विस्फोटक स्थिति हुई हालांकि यह एक शांतिपूर्ण इलाका है.''
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