Gyanvapi Case: वाराणसी कोर्ट के फैसले पर भड़कीं महबूबा मुफ्ती, क्या कुछ बोलीं?
Mehbooba Mufti: जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूब मुफ्ती के ज्ञानवापी केस पर आए बयान ने विवाद खड़ा कर दिया है. उन्होंने कहा कि कोर्ट का फैसला दंगा भड़काने वाला है. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर.
Mehbooba Mufti On Gyanvapi Case: वाराणसी के चर्चित ज्ञानवापी-गौरी श्रृंगार मामले (Gyanvapi-Gauri Sringar Case) में जिला अदालत ने हिंदू पक्ष के हक में फैसला सुना दिया है. अदालत ने मामले को 'सुनने योग्य' माना है और अब इस केस में ट्रायल शुरू होगा. वहीं कोर्ट के फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के बयान ने नया बखेड़ा खड़ा कर दिया है.
मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज
दरअसल, ज्ञानवापी केस पर वाराणसी जिला अदालत (Varanasi District Court) ने हिंदू पक्ष के हक में फैसला सुनाते हुए मुस्लिम पक्ष की अर्जी को खारिज कर दी है. इस पर पीडीपी (PDP) चीफ महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने तीखी टिप्पणी की है.
Court ruling on Gyanvapi despite Places of Worship Act will lead to rabble rousing & create a communal atmosphere which ironically plays into BJP’s agenda.Its a sorry state of affairs that Courts don’t follow their own rulings.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) September 13, 2022
'अदालत के फैसले से दंगा भड़केगा'
महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर कहा, "प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट के बावजूद ज्ञानवापी पर अदालत के फैसले से दंगा भड़केगा और एक सांप्रदायिक माहौल पैदा होगा, जो बीजेपी का एजेंडा है. यह एक खेदजनक स्थिति है कि अदालतें अपने स्वयं के फैसलों का पालन नहीं करती हैं."
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्नसल लॉ बोर्ड ने क्या कहा?
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने एक बयान में कहा, ''जिला न्यायाधीश की अदालत का प्रारंभिक निर्णय 'निराशाजनक और दुखद' था.
रहमानी ने कहा कि 1991 में संसद ने मंजूरी दी थी कि बाबरी मस्जिद को छोड़कर बाकी सभी धार्मिक स्थलों पर 1947 वाली यथास्थिति बरकरार रहेगी और इसके खिलाफ कोई भी विवाद वैध नहीं होगा. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद के फैसले में पूजा स्थल कानून की पुष्टि की थी और इसे अनिवार्य घोषित किया था.
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