Mehbooba Mufti Lashes Out at Media: जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख (PDP Chief) महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) को प्रशासन (J&K Administration) की ओर से पिछले हफ्ते सरकारी बंगला (Govt Bungalow) खाली करने के लिए नोटिस (Eviction Notice) दिया गया था.
शनिवार (22 अक्टूबर) को अनंतनाग (Anantnag) में अपने पिता और पूर्व सीएम मुफ्ती मोहम्मद सईद (Mufti Mohammad Sayeed) की कब्र पर माथा टेकने के बाद महबूबा मुफ्ती मीडिया (Media) पर भड़क गईं. जब उनसे उनके बंगले से संबंधित सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि मीडिया को आतंकी इमरान बशीर (Hybrid terrorist Imran Bashir Ganaie) की हिरासत में कथित हत्या पर बहस करनी चाहिए.
ऐसा क्यों कहा महबूबा मुफ्ती ने
महबूबा मुफ्ती ने अपने विवादित बयान में कहा, ''अगर यह मेरे लिए मुद्दा नहीं है तो मैं घर छोड़ दूंगी. मीडिया को शोपियां में हाइब्रिड आतंकी इमरान बशीर की हिरासत में कथित हत्या पर बहस करना चाहिए, जो केवल एक आरोपी था. घर छोड़ना मेरे लिए कोई बड़ी बात नहीं है.''
रिपोर्ट्स के मुताबिक, महबूबा ने 19 अक्टबूर को एनकाउंटर में मारे गए हाइब्रिड आतंकी इमरान बशीर गनी को 18 साल का बच्चा बताया. उन्होंने आतंकी के पुलिस कस्टडी में मारे जाने का आरोप लगाया.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, शोपियां में मंगलवार (18 अक्टूबर) की रात आतंकियों ने दो गैर-कश्मीरी मजदूरों को टारगेट कर उनकी हत्या कर दी थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के कन्नौज के रहने वाले दो मजदूर मनीष कुमार और रामसागर टिन शेड में सो रहे थे. तभी आतंकियों ने हथगोला फेंककर उन पर हमला कर दिया. इस हमले में दोनों मजदूर बुरी तरह घायल हुए. उन्हें फौरन अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया.
जांच में पता चला था कि लश्कर-ए-तैयबा के हाइब्रिड आतंकी इमरान बशीर गनी ने मजदूरों पर हैंड ग्रेनेड फेंका था. सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी कर गनी को दबोच लिया था और फिर उसकी निशानदेही पर सर्च ऑपरेशन चलाया. इस दौरान शोपियां के नौगाम में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ हुई. इस मुठभेड़ में गनी मारा गया. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बताया कि मुठभेड़ के दौरान एक दूसरे आतंकी की गोली से इमरान बशीर गनी नाम का हाइब्रिड आतंकी मारा गया.
महबूबा का बीजेपी पर हमला
महबूबा मुफ्ती इसी इमरान बशीर गनी को लेकर बात कर रही थीं. पहले भी कई बार महबूबा पर आतंकियों और अलगाववादियों की तरफदारी करने के आरोप लगते रहे हैं. वह केंद्र की बीजेपी नीत नरेंद्र मोदी सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं चूकती हैं. शुक्रवार को उन्होंने ट्वीट किया, ''बलात्कारियों और ठगों को आजाद करना लेकिन सना मट्टू, आकार पटेल, आकाश हसन और राणा अयूब जैसे लोगों को विदेश जाने की अनुमति नहीं देना बीजेपी की मानसिकता को दर्शाता है और 'हिंदू राष्ट्र' की उसकी अवधारणा की ओर इशारा करता है.''
यह भी पढ़ें- ABP C-Voter Survey: हिमाचल चुनाव में पीएम मोदी एक बड़ा फैक्टर होंगे? सर्वे में जनता ने दिया ये चौंकाने वाला जवाब