श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी की सरकार ने एतिहासिक फैसला लिया है. आज राज्यसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने धारा 370 को हटाने और J-K के पुनर्गठन का संकल्प पेश किया, जिसे राष्ट्रपति ने मंजूरी दी है. इसको लेकर राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ.


केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कड़ी आपत्ति जताई है. उन्होंने ट्वीट किया, '' इस फैसले का उपमहाद्वीप में भयावह परिणाम होंगे. भारत सरकार के इरादे स्पष्ट हैं. वे जम्मू-कश्मीर में वहां के लोगों को आतंकित कर के क्षेत्र पर अधिकार पाना चाहती है. कश्मीर में भारत अपना वादा निभाने में विफल रहा.''





महबूबा मुफ्ती ने आगे कहा- आज भारतीय लोकतंत्र में सबसे काला दिन है. 1947 में 2 राष्ट्र सिद्धांत को खारिज करने और भारत के साथ जाने वाले जम्मू और कश्मीर नेतृत्व के निर्णय आज गलत साबित हो गया है. भारत सरकार की धारा 370 को रद्द करने का एकतरफा निर्णय गैरकानूनी और असंवैधानिक है जो भारत को जम्मू-कश्मीर में एक व्यावसायिक शक्ति बना देगा.''


बता दें कि मोदी सरकार के इस फैसले का मतलब हुआ कि अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को लेकर विशेषाधिकार मिले थे, वे अब खत्म हो जाएंगे और जम्मू-कश्मीर भी भारत के अन्य राज्यों की तरह एक सामान्य राज्य होगा. अमित शाह के इस एलान के बाद राज्य में अनुच्छेद 370 पूरी तरह से लागू नहीं होगा.इसके अलावा अब जम्मू-कश्मीर से लद्दाख को अलग कर दिया गया है. लद्दाख को बिना विधानसभा केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया है. अमित शाह ने जैसे ही इस बिल को पेश किया राज्यसभा में भारी हंगामा होने लगा. हंगामे को देखते हुए चेयरमैन ने राज्यसभा को कुछ देर के लिए स्थगित कर दिया है.


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