जम्मू: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कश्मीरी नेताओं की बैठक से पहले महबूबा मुफ्ती के बयान को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. जम्मू कश्मीर से कांग्रेस, बीजेपी पार्टी समेत विभिन्न राजनीतिक दल मीटिंग में शामिल हो रहे हैं. लेकिन, इस मीटिंग के होने से पहले ही पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि कश्मीर समस्या के समाधान के लिए पाकिस्तान को भी बातचीत में शामिल किया जाना चाहिए. महबूबा मुफ्ती के एक बयान ने जम्मू में विपक्ष को एकजुट होने का मौका दिया है और विपक्ष महबूबा के इस बयान से केंद्र सरकार पर निशाना साध रहा है.
महबूबा के इस बयान का विरोध करते हुए जम्मू में पैंथर्स पार्टी ने आरोप लगाया कि बीजेपी पाकिस्तान समर्थित राजनीतिक दलों की बैठक में बुला रही है. पैंथर्स पार्टी ने कहा, महबूबा ने जब जब ऐसे बयान दिए हैं तब इसका खामियाजा जम्मू कश्मीर में काम कर रहे सुरक्षाबलों और आम नागरिक उठाना पड़ा है.
कश्मीर में आतंकियों के हाथों मारे गए एक इंस्पेक्टर की शहादत पर अफसोस करते हुए पैंथर्स पार्टी ने कहा कि महबूबा के बयान के बाद एक और बहादुर जवान खोना पड़ा है. केंद्र सरकार इस बैठक में कश्मीर के राजनीतिक दलों को बुला रही है जिन्होंने शुरू से ही पाकिस्तान की भाषा बोली है जबकि जम्मू के राजनीतिक दलों को इस बैठक में नजरअंदाज किया गया है. पैंथर्स पार्टी ने कहा कि जम्मू की जनता ने शुरू से ही तिरंगा उठाया है लेकिन केंद्र सरकार जम्मू के राष्ट्र बस लोगों की आवाज सुनने को तैयार नहीं है.
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