Mehbooba Mufti Targets BJP: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला. उन्होंने यासीन मालिक की पत्नी मुशाल मलिक को पाकिस्तान की कार्यवाहक सरकार में मंत्री और कार्यवाहक प्रधानमंत्री की सरकार में विशेष सलाहकार बनाए जाने पर कहा कि बीजेपी सरकार को पाकिस्तान से सीखना चाहिए कि अपने लोगो को कैसे संभाला जाता है.
इस दौरान महबूबा ने गुलाम नबी आजाद पर आरएसएस की भाषा बोलने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा, मुशाल आतंकी नहीं हैं, उनके पति यासीन मालिक सजायाफ्ता हैं. पूर्व सीएम ने कहा, "बीजेपी यहां शेख साहिब (शेख अब्दुल्ला) और नेहरू जैसे देश भक्तों का नाम मिटाने में लगी है. बीजेपी को शर्म आनी चाहिए."
'इमारतों का नाम बदल रही है सरकार'
श्रीनगर में शेर-ए-कश्मीर और दिल्ली में नेहरू गांधी परिवार के नाम पर रखी गई इमारतों, पुरस्कारों और इंस्टिट्यूट के नाम बदले जाने पर उन्होंने कहा, "जम्मू कश्मीर प्रशासन, पुलिस बहादुरी पुरस्कार, कन्वेंशन सेंटर, क्रिकेट स्टेडिय और शेर-ए-कश्मीर का नाम पहले ही बदल चुका है और अब वह मेडिकल इंस्टीट्यूट और कृषि विश्वविद्यालय का नाम बदलना चाहता है.
आरएसएस की भाषा बोलते हैं आजाद- महबूबा मुफ्ती
देश के मुसलमानों पर दिए गए गुलाम नबी आजाद के बयान पर तीखा प्रहार करते हुए महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि वह मुसलमानों पर जुल्म करने वाले आरएसएस और बीजेपी की भाषा बोलते हैं और उसका समर्थन कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, "मुझे समझ नहीं आता आजाद साहब जैसा बड़ा लीडर कैसे ऐसा बयान दे सकता है, जो आरएसएस और बीजेपी की सोच को दर्शाता है, जिस में घर वापसी और लिंचिंग की बात होती है. बता दें कि गुलाम नबी आजाद ने हाल में कहा था कि भारत में कुछ लोगों को छोड़ कर बाकी सभी मुसलमानो के पूर्वज हिन्दू थे और बाहर से आने वालों की संख्या कुछ हजार थी.
राहुल गांधी के बयान का समर्थन
राहुल गांधी के बयान का समर्थन करते हुए पीडीपी नेता ने कहा, "चीन की आर्मी लद्दाख में आ चुकी है और यह बात लद्दाख के लोग बहुत सालों से कह रहे है. राहुल गांधी सिर्फ वही बात कर रहे हैं, जो लोग कहते हैं और राहुल के बयान पर बीजेपी इसलिए चुप है, क्योंकि लोग उन से सवाल पूछेंगे चीन को कैसे बाहर निकालोगे?"
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