महबूबा मुफ्ती ने भी बदली ट्विटर DP, जम्मू-कश्मीर के अमान्य हो चुके झंडे के साथ PM मोदी और अपने पिता की लगाई तस्वीर
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने नई डीपी लगाते हुए कहा कि उसका झंडा भले ही ''छीन'' लिया गया हो, लेकिन इसे लोगों की सामूहिक चेतना से नहीं मिटाया जा सकता.
Mehbooba Mufti Twitter DP: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने बुधवार को अपने ट्विटर अकाउंट पर एक डिस्प्ले पिक्चर (डीपी) लगाई. इसमें उनके पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) साथ बैठे दिख रहे हैं. साथ ही उनके सामने राष्ट्र ध्वज और अब अमान्य हो चुका जम्मू-कश्मीर का झंडा दिख रहा है.
प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को प्रसारित अपने 'मन की बात' कार्यक्रम में कहा था कि 'आजादी का अमृत महोत्सव' (Azadi Ka Amrit Mahotsav) जन आंदोलन का रूप ले चुका है. उन्होंने लोगों से दो से 15 अगस्त तक अपने सोशल मीडिया अकाउंट की डीपी पर तिरंगा लगाने का अनुरोध किया था. महबूबा ने नयी डीपी लगाते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर से उसका झंडा भले ही ''छीन'' लिया गया हो, लेकिन इसे लोगों की सामूहिक चेतना से नहीं मिटाया जा सकता.
महबूबा के ट्विटर अकाउंट पर लगी तस्वीर नवंबर 2015 में हुई एक रैली की है, जिसे प्रधानमंत्री ने अपनी यात्रा के दौरान संबोधित किया था. उस समय मुफ्ती मोहम्मद सईद तत्कालीन राज्य जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री थे.
महबूबा मुफ्ती ने क्या कुछ कहा?
महबूबा ने ट्वीट किया, ''मैंने अपनी डीपी बदल डाली, क्योंकि झंडा खुशी और गर्व का प्रतीक है. हमारे राज्य के ध्वज को भारतीय ध्वज से जोड़ा गया था, जिसमें कोई बदलाव नहीं किया जा सकता. इस जुड़ाव को खत्म करके इसे छीन लिया गया. आपने भले ही हमसे हमारा झंडा छीन लिया हो, लेकिन इसे हमारी सामूहिक चेतना से नहीं मिटाया जा सकता.''
Changed my dp since a flag is a matter of joy & pride.For us our state flag was irreversibly linked to the Indian flag. It was snatched thus breaking away the link. You may have robbed us of our flag but cant erase it from our collective conscience. pic.twitter.com/HZxQROn3fK
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) August 3, 2022
गौरतलब है कि पांच अगस्त 2019 को संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करके जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा वापस ले लिया गया था. जिसके बाद जम्मू-कश्मीर का झंडा अमान्य हो गया था.